Saturday, 3 October 2015

कारतूस - पठन सामग्री और सार NCERT Class 10th Hindi

पठन सामग्री, अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर और सार - कारतूस स्पर्श भाग - 2

सारांश

यह पाठ जाँबाज़ वज़ीर अली के जिंदगी का एक अंश है। इस नाटक में उस हिस्से को बताया गया है जब वज़ीर अली अपने दुश्मन के कैंप में जाकर वहाँ से अपने लिए कारतूस ले जाता है और अपने बहादुरी का गुणगान अपने दुश्मनों से करवाता है।

नाटक के पात्र - कर्नल, लेफ्टिनेंट, सिपाही, सवार (वज़ीर अली)

अंग्रेज़ सरकार के आदेशानुसार वज़ीर अली को गिरफ्तार करने के लिए कर्नल कालिंज अपने लेफ्टिनेंट और सिपाहियों के साथ जंगल में डेरा डाले हुए हैं। उन्हें जंगल में आये हुए हफ्ते गुजर गए हैं परन्तु वह अभी तक वजीर अली को गिरफ्तार नही कर पाये हैं। वजीर अली के दिल में अंग्रेज़ों के प्रति नफरत की बातें सुनकर उन्हें रॉबिनहुड की याद आ जाती है। अपने पांच महीने के शासनकाल में उसने अवध के दरबार से अंग्रेजी हुकूमत को साफ़ कर दिया। सआदत अली आसिफउद्दौला का भाई है साथ ही वज़ीर अली का दुश्मन भी है क्योंकि आसिफउद्दौला के यहाँ लड़के की कोई उम्मीद नहीं थी परन्तु वज़ीर अली ने सआदत अली के सारे सपने को तोड़ दिया।

अंग्रेज़ों ने सआदत अली को अवध के तख़्त पर बैठाया क्योंकि वो अंग्रेज़ों से मिलकर रहता है और ऐश पसंद आदमी है। इसके बदले में सआदत अली ने अंग्रेज़ों को आधी दौलत और दस लाख रूपये नगद दिए।

लेफ्टिनेंट कहता है कि सुना है वज़ीर अली ने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिन्दुस्तान पर हमला करने की दावत दी है इसपर कर्नल ने कहा कि अफ़गानिस्तान को हमले की दावत सबसे पहले टीपू सुल्तान ने दी, फिर वज़ीर अली ने भी उसे दिल्ली बुलाया फिर शमसुद्दौला ने भी जो नवाब बंगाल का रिश्ते का भाई है और बहुत खतरनाक है। इस तरह पूरे हिन्दुस्तान में कंपनी के खिलाफ लहर दौड़ गयी है। यदि यह कामयाब हो गयी तो लार्ड क्लाइव ने बक्सर और प्लासी के युद्ध में जो हासिल किया था वह लार्ड वेल्जली के हाथों खो देगी। कर्नल पूरी एक फ़ौज लिए वज़ीर अली का पीछा जंगलों में कर रहा है परन्तु वह पकड़ में नहीं आ रहा है।

कर्नल ने वज़ीर अली द्वारा कंपनी के वकील की हत्या करने का किस्सा सुनाते हुए कहा कि हमने वज़ीर अली को पद से हटाकर तीन लाख रूपए सालना देकर बनारस भेज दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता बुलाया। वज़ीर अली बनारस में रह रहे कंपनी के वकील के पास जाकर पूछा कि उसे कलकत्ता क्यों बुलाया जाता है इसपर वकील ने उसे बुरा-भला कह दिया, जिस कारण वज़ीर अली ने वकील को खंजर से मार दिया। उसके बाद वह अपने कुछ साथियों के साथ आजमगढ़ भाग गया वहां के शासन ने उनलोगों को सुरक्षित घागरा पहुँचा दिया अब वे इन्हीं जंगलों में कई साल से भटक रहे हैं। लेफ्टिनेंट द्वारा पूछे जाने पर कर्नल ने वज़ीर अली की स्कीम बताते हुए कहता है कि वे किसी तरह नेपाल पहुँचना चाहते हैं। अफ़गानी हमले का  इंतज़ार करें  ताक़त बढ़ाएँ। वह सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद कब्ज़ा करे और अंग्रेज़ों को हिन्दुस्तान से निकाल दे। लेफ्टिनेंट अपनी शंका जताते हुए कहता है कि हो सकता है की वे लोग नेपाल पहुँच गए हों जिसपर कर्नल उसे भरोसा दिलाते हुए बताता है कि अंग्रेजी और सआदत अली की फौजें बड़ी सख्ती से उनका पीछा कर रही हैं और उन्हें पता है की वह इन्हीं जंगलों में है।

तभी एक सिपाही आकर कर्नल को बताता है कि दूर से धूल उड़ती दिखाई दे रही है लगता है कोई काफिला चला आ रहा हो। कर्नल सभी को मुस्तैद रहने का आदेश देता है। लेफ्टिनेंट और कर्नल देखते हैं की केवल एक ही आदमी है। कर्नल सिपाहियों से उसपर नजर रखने को कहता है। घुड़सवार उनकी और आकर रुक जाता है और इज़ाज़त लेकर कर्नल से मिलने अंदर जाता है और एकांत की माँग करता है जिसपर कर्नल सिपाही और लेफ्टिनेंट को बाहर भेज देते हैं। वह कर्नल से कहता है कि वज़ीर अली को पकड़ना कठिन और कारतूस की माँग करता है। कर्नल उसे कारतूस दे देता है। जब वह कारतूस लेकर जाने लगता है तो कर्नल उससे उसका नाम पूछता है। वह अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कारतूस देने के कारण उसकी जान बख्शने की बात कहता है। उसके चले जाने के बाद लेफ्टिनेंट जब पूछता है कि कौन था तब कर्नल एक जाँबाज़ सिपाही बतलाता है।

लेखक परिचय

हबीब तनवीर

इनका जन्म 1923 में छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ था। इन्होनें 1944 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद ब्रिटेन की नाटक अकादमी से नाट्य-लेखन अध्यन करने गए और फिर दिल्ली लौटकर पेशेवर नाट्य पांच की स्थापना की।

प्रमुख कार्य

प्रमुख नाटक - आगरा बाज़ार, चरनदास चोर, देख रहे हैं नैन, हिरमा की अमर कहानी।
बसंत ऋतू का सपना, शाजापुर की शांति बाई, मिट्टी की गाडी और मुद्राराक्षस नाटकों का आधुनिक रूपांतर किया।
पुरस्कार - फेलोशिप, पद्मश्री सहित कई अन्य पुरस्कार।

कठिन शब्दों के अर्थ

• खेमा - डेरा
• अफ़साने - कहानियाँ
• कारनामे - ऐसे काम जो याद रहें
• पैदाइश - जन्म
• तख़्त - सिंहासन
• मसलेहत - रहस्य
• ऐश पसंद - भोग विलास पसंद करने वाला
• जाँबाज़ - जान की बाज़ी लगाने वाला
• दमखम- शक्ति और दृढ़ता
• जाती तौर पर - व्यक्तिगत रूप से
• वज़ीफा - परवरिश के लिए दी जाने वाली राशि
• मुकर्रर - तय करना
• तलब किया - याद किया
• हुक्मरां - शासक
• गर्द - धूल
• काफ़िला - एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों का समूह
• शुब्हे - संदेह
• दिवार हमगोश दारद - दीवारों के भी कान होते हैं
• लावलश्कर - सेना का बड़ा समूह और युद्ध सामग्री
• कारतूस - पीतल और दफ़्ती आदि की एक नली जिसमें गोली तथा बारूद भरी होती है।


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