Sunday, 31 January 2016

संकलित परीक्षा - II 2014 हिंदी 'ब' Previous Year Question Paper| Class 10th

Previous Year Question Paper of Hindi Course 'B' Class 10th Summative Assessment II 2014

निर्धारित समय: 3 घंटे
अधिकतम अंक: 90

खंड - क

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                                 (1×5=5)

यह एक सर्वविदित सत्य तथ्य है कि मानवीय गुणों का अधिकारिक विकास विपरीत परिस्थितियों में ही होता है। जीवन में सर्वत्र  उदाहरण भरे हुए हैं। कष्ट और पीड़ा आंतरिक वृत्तियों के परिशोधन के साथ ही एक ऐसी आंतरिक दृढ़ता को जन्म देते हैं जो मनुष्य को तप्त स्वर्ण की भाँति खरा बनाता है। विपत्तियों के पहाड़ टकराकर उसका बल बढ़ता है। हृदय में ऐसी अद्भुत वृत्ति का जन्म होता है कि एक बार कष्टों से जूझकर फिर वह उनको खेल समझने लगता है। उसके हृदय में विपत्तियों को ठोकर मारकर अपना मार्ग बना लेने की वीरता उत्पन्न हो जाती है। मन की भाँति ही शरीर की दृढ़ता शारीरिक श्रम के द्वारा आती है। शारीरिक परिश्रम उसके शरीर को बलिष्ठ बनाता है। विपत्तियों में तप कर दृढ़ हुए श्री की भाँति परिश्रम की अग्नि में तप कर शरीर का लौह इस्पात बन जाता है। जब एक शायर कहा कि 'मुश्किलें इतनी पड़ीं मुझ पर की आसाँ हो गईं' , तो वह इस सत्य से परिचित था। चारित्रिक दृढ़ता के लिए जो कार्य आधिक्य करता है, शारीरिक दृढ़ता के लिए वही कार्य श्रम करता है। दोनों ही ऐसे हथौड़े हैं जो पीट-पीट कर शरीर और मन में इस्पाती दृढ़ता को जन्म देते हैं।

(i) विपरीत परिस्थितियाँ कारण हैं
(क) अनुकूल परिस्थितियाँ को रोकने की
(ख) समस्या-समाधान की
(ग) सामाजिक चुनौतियाँ स्वीकारने की
(घ) मानवीय गुणों के विकास की

(ii) मनुष्य को सोने जैसा शुद्ध बनाने में सहायक है
(क) शरीर की दृढ़ता
(ख) मन की दृढ़ता
(ग) आंतरिक वृत्ति
(घ) विपत्तियों से टकराव

(iii) विपत्तियों के बीच अपना मार्ग बना लेने की क्षमता कब उत्पन्न होती है?
(क) बाधाओं से बचकर
(ख) कष्टों से खेलकर
(ग) कष्टों से जूझकर
(घ) साधन-संपन्न बनकर

(iv) 'लोहा इस्पात बन जाता है' - कथन का आशय है
(क) दुर्बल सबल बन जाता है
(ख) बलहीन बलवान बन जाता है
(ग) सबल अतिसबल बन जाता है
(घ) निर्बल प्रबल बन जाता है

(v) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है
(क) मन और शरीर
(ख) मानसिक पीड़ा और शारीरिक कष्ट
(ग) मन और शरीर की दृढ़ता
(घ) मानव का विकास

2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                                  (1×5=5)

नारी केवल कामिनी नहीं, जगद्धात्री भी है, अलंकरण-मात्र ही नहीं, समाज को जीवित बनाने वाली प्रेरणा शक्ति भी है। आज जनमानस इस दृष्टिकोण से वंचित है। नारी इतनी शक्तिहीन नहीं है। माता बनकर उसकी शक्ति परोक्षरूप में अपने बालकों के चरित्र-निर्माण में कार्य करती है। प्रियरूप में वह समस्त दया, करुणा, ममता और माधुर्य का उपहार देकर पुरुष को उसके कार्यक्षेत्र के लिए नई ऊर्जा प्रदान करती है। विद्या-बुद्धि में गार्गी तथा अपाला बनकर और शौर्य में लक्ष्मीबाई एवं चाँदबीबी बनकर उसने अपने तेजस्वी रूप का परिचय समय-समय पर दिया है। स्वदेश में ही नहीं, विदेश में भी ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं। जोन ऑफ़ आर्क ने एक साथ आत्मिक बल और शारीरिक बल के समन्वय से ऐसी ज्योति जलाई जो युगों-युगों तक उनका नाम अमर रखेगी। इतिहास के पन्ने इस बात के साक्षी हैं की नारी ने केवल चौक-चूल्हा ही नहीं सम्हाला, बल्कि आवश्यकता पडने पर घोड़े की पीठ पर चढ़कर रणक्षेत्र में भी वीरता का परिचय दिया। अपनी मर्यादा की रक्षा के लिए आततायी को धूल चटा दी।

(i) माता के रूप में नारी का महत्वपूर्ण कार्य है
(क) पालन-पोषण करना
(ख) परिवार सम्हालना
(ग) दया-ममता बिखेरना
(घ) चरित्र-निर्माण करना

(ii) नारी किस रूप में पुरुष को नई ऊर्जा प्रदान करती है?
(क) माता के रूप में
(ख) जगद्धात्री के रूप में
(ग) प्रिया के रूप में
(घ) दासी के रूप में

(iii) विद्या-बुद्धि में किन नारियों ने तेजस्वी रूप दिखाया है?
(क) लक्ष्मीबाई एवं चाँदबीबी
(ख) सीता और सावित्री
(ग) द्रौपदी और गांधारी
(घ) गार्गी और अपाला

(iv) नारियों ने आततायी को धूल क्यों चटाई?
(क) अपनी रक्षा के लिए
(ख) देश की रक्षा के लिए
(ग) मर्यादा की रक्षा के लिए
(घ) पति की रक्षा के लिए

(v) 'परोक्ष' शब्द का विपरीतार्थक शब्द है
(क) समक्ष
(ख) विपक्ष
(ग) प्रत्यक्ष
(घ) अप्रत्यक्ष

3. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                                   (1×5=5)

पहले से कुछ लिखा भाग्य में
         मनुज नई लाया है,
अपना सुख उसने अपने
         भुजबल से ही पाया है।

प्रकृति नहीं डर कर झुकती है
        कभी भाग्य के बल से,
सदा हारती वह मनुष्य के
        उधम से, श्रमजल से।

ब्रह्मा का अभिलेख -
        पढ़ा करते निरूद्यमी प्राणी
धोते वीर कु-अंक भाल का
        बहा भ्रुवों से पानी।

भाग्यवाद आवरण पाप का
       और शस्त्र शोषण का,
जिससे रखता दबा एक जन
       भाग दूसरे जन का।

पूछो किसी भाग्यवादी से,
       यदि विधि-अंक प्रबल है,
पद पर क्यों देती न स्वयं
       वसुधा निज रतन उगल है?

(i) मनुष्य को सुख प्राप्त होता है
(क) भाग्य के बल से
(ख) भुजाओं के बल से
(ग) विद्या-बल से
(घ) धन के बल से

(ii) कैसे लोग भाग्यवादी होते हैं?
(क) कायर
(ख) परिश्रमी
(ग) निरूद्यमी
(घ) आलसी

(iii) मनुष्य प्रकृति को हरा सकता है
(क) उद्यम और परिश्रम से
(ख) आतंक और भय से
(ग) उग्रता और शोषण से
(घ) भाग्य और पौरुष से

(iv) भाग्यवाद-रूपी हथियार से शोषक
(क) लोगों को भ्रमित करते हैं
(ख) दूसरों का हिस्सा दबाकर रखते हैं
(ग) क्रांति नहीं होने देते
(घ) अयाचार करते हैं

(v) काव्यांश का मूल संदेश है
(क) भाग्यवादियों को डराना
(ख) उद्यम और परिश्रम का महत्व बताना
(ग) वसुधा के रत्नों के बारे में बताना
(घ) वीरों के लक्षण बताना

4.  निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                               (1×5=5)

विध्नों का दल चढ़ आए तो, उन्हें देख भयभीत न होंगे,
अब न रहेंगे दलित दीन हम, कहीं किसी से हीन न होंगे,
क्षुद्र स्वार्थ की खातिर हम तो कभी न गर्हित कर्म करेंगे।
पुण्यभूमि यह भारतमाता, जग की हम तो भीख न लेंगे।
मिसरी-मधु-सेवा-फल सारे, देती हमको सदा यही है,
कदली, चावल, अन्न विविध औ' क्षीर सुधामय लूटा रही है।
आर्यभूमि उत्कर्षमयी यह, गूँजेगा यह गान हमारा।
कौन करेगा समता इसकी, महिमामय यह देश हमारा।।

(i) लोग निंदित कर्म क्यों करते हैं?
(क) दूसरों को सताने के लिए
(ख) छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए
(ग) दूसरों को पीछे छोड़ने के लिए
(घ) अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए

(ii) काम करते हुए लोग प्रायः डरते हैं
(क) शत्रुओं से
(ख) विध्न-बाधाओं से
(ग) क्षुद्र स्वार्थों से
(घ) सहायता न मिलने से

(iii) कोई देश हमारे देश से समता नहीं कर सकता क्योंकि हमारा देश
(क) विशाल है
(ख) शक्तिशाली है
(ग) संपन्न है
(घ) महिमावान् है

(iv) 'जग की हम तो भीख न लेंगे' का क्या भाव है?
(क) हम तो किसी से भीख नहीं माँगेंगे
(ख) हम बेसहारा हैं तो स्वाभिमानी भी हैं
(ग) सहायता के लिए विदेशियों के सामने हाथ नहीं फैलाएँगे
(घ) पराधीन रहकर भी हम स्वावलंबी बनेंगे

(v) कविता में भारत का विशेषण नहीं है
(क) महिमामय
(ख) गर्हित
(ग) उत्कर्षमय
(घ) पुण्यभूमि

खंड - ख

5. (क) निम्नलिखित में रेखांकित पदबंधों के प्रकार लिखिए:
(i) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना क्यों छोड़ दिया?    (1)
(ii) गाँव में हर वर्ष पशु-पर्व का आयोजन होता है।          (1)

(ख) विग्रहपूर्वक समास का नाम लिखिए:                      (1)
विश्वसंगठन

(ग) समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए:          (1)
सुंदर हैं जो नयन

6. (क) निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए:
(i) मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने लगी।          (1)
(ii) आंदोलनकारी शहर में प्रदर्शन कर रहे थे।                (1)
(iii) वे धीरे-धीरे सभास्थल की ओर बढ़ रहे थे।               (1)

(ख) संधि-विच्छेद कीजिए:                                           (1)
पुष्पोधान

7. (क) निर्देशानुसार उत्तर दीजिए:                                 (1×3=3)
(i) जब क्रांतिकारी ने झंडा गाड़ा तब पुलिस ने उसे पकड़ लिया। (वाक्य-भेद लिखिए)
(ii) आज झंडा फहराया जायेगा और प्रतिज्ञा पढ़ी जायेगी। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(iii) जब वे प्रतियोगता में भाग लेने गए तोबाहर रोक लिए गए। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) संधि कीजिए:                                                        (1)
धन + आगम

8. (क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए:
(i) हमारा लक्ष्य देश की चहुँमुखी प्रगति होनी चाहिए।     (1)
(ii) केवल यहाँ दी पुस्तकें रखी हैं।                                  (1)
(iii) उसने आज घर में क्या करा?                                   (1)

(ख) संधि-विच्छेद कीजिए:                                             (1)
अत्यधिक

9. निम्नलिखित मुहावरों तथा लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए:                                                                             (1×4=4)
(i) हाथ फैलाना
(ii) राई का पर्वत करना
(iii) जाके पैर न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई
(iv) हाथ कंगन को आरसी क्या?

खंड - ग

10. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए:              (3×2=6)

(क) जापान में मानसिक रोग के क्या कारण हैं? आप इन कारणों से कहाँ तक सहमत हैं? 'झेन की देन' पाठ के आधार पर तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

(ख) मुवजा पाने के लिए ख्यूक्रिन ने क्या-क्या कारण दिए? 'गिरगिट' पाठ के आधार पर लिखिए।

(ग) 'अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुखी होने वाले' पाठ में समुद्र के क्रोध का क्या कारण बताया गया है? उसने अपना क्रोध कैसे शान्त किया? अपने शब्दों में लिखिए।

11. प्रकृति में आये असंतुलन के कारण और उसके परिणामों की चर्चा, 'अब कहाँ दूसरे के दुःख में दुःखी होने वाले' पाठ के आधार पर कीजिए।                    (5)

अथवा

वज़ीर अली को एक जाँबाज़ सिपाही क्यों कहा है? उसके सैनिक जीवन के क्या लक्ष्य थे? 'कारतूस' पाठ के आधार पर विस्तार से लिखिए।

12. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:     (1×5=5)

राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध ल अपने सर से कफ़न साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो।

(i) 'राह कुर्बानियों की न वीरान हो' - का क्या तात्पर्य है?
(क) सैनिक सोच-समझकर आगे बढ़ें
(ख) सैनिक देश के बारे में सोचते रहें
(ग) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे
(घ) बलिदानी सैनिकों आगे बढ़ने की सोच में रहें

(ii) सैनिक किसे सजाने के लिए कहते हैं?
(क) देश की कुर्बानियों को
(ख) जश्न मनाने वालों को
(ग) भारतमाता को
(घ) बलिदानी सैनिकों के जत्थों को

(iii) 'फ़तह का जश्न' से तात्पर्य है
(क) आगे बढ़ने की खुशियाँ
(ख) मृत्यु की ख़ुशी
(ग) जीत जाने की ख़ुशी
(घ) जीत की खुशियाँ

(iv) 'सिर पर कफ़न बाँधने' का किस ओर संकेत है?
(क) सिर बचने की ओर
(ख) देश पर बलिदान की ओर
(ग) सिर पर मुकुट बाँधने की ओर
(घ) जीवित रहने की ओर

(v) 'काफिले' शब्द का अर्थ है
(क) कायरों का गिरोह
(ख) वीरों का समुदाय
(ग) बलिदानियों का झुंड
(घ) यात्रियों का समूह

अथवा

सारे शीतल कोमल नूतन,
माँग रहे तुझसे ज्वाला-कण
विश्व-शलभ सिर धुन कहता मैं
हाय! न जल पाया तुझमें मिल,
सिहर-सिहर मेरे दीपक जल!
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल
विहँस-विहँस मेरे दीपक जल!

(i) पतंग को पश्चाताप है कि वह
(क) दिये को प्रकाश न पा सका
(ख) दीपक के एकाकार न हो सका
(ग) दीपक के स्नेह से वंचित रहा
(घ) ज्वाला-कण न बन सका

(ii) स्नेहहीन दीपक किन्हें कहा गया है?
(क) टिमटिमाते तारों को
(ख) चमकते जुगनुओं को
(ग) तेलरहित दीपकों को
(घ) जगमगाते चाँद को

(iii) किस पंक्ति के कथन में विरोध दिखाई पड़ता है?
(क) सारे शीतल कोमल नूतन
(ख) हाय! न जल पाया तुझमें मिल
(ग) स्नेहहीन नित कितने दीपक
(घ) जलमय सागर का उर जलता

(iv) सागर का हृदय क्यों जलता है?
(क) घिरते बादलों को देखकर
(ख) तारों को चमकता देखकर
(ग) बादलों में बिजली की कौंध देखकर
(घ) विहँसते दीपक को देखकर

(v) पद्यांश में बादलों की क्या विशेषता बताई गई है?
(क) असंख्य तारे छिप जाते हैं
(ख) वह अनंत सीमा वाला है
(ग) गर्जन करता है पर बरसता नहीं
(घ) बिजली का प्रकाश लेकर घिरता है

13. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:        (1×5=5)

व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं पर क्या वे ऊपर चढ़ते हैं। खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर ले चलें यही महत्व की बात है। यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है। समाज के पास यदि शाश्वत मूल्यों-जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है। व्यवहारवादी लोगों ने तो समाज को गिराया ही है।

(क) व्यवहारवादी लोगों के सजग रहने के क्या-क्या कारण हैं?
(ख) आदर्शवादी लोगों की समाज को क्या-क्या देन है?
(ग) समाज को पतन की ओर ले जाने वाले कौन लोग हैं? उनका मुख्य उद्देश्य क्या रहता है?

अथवा

उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था। एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुःख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुःख देखकर मेरी माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के लिए उसने पुरे दिन रोज़ा रखा। दिन-भर कुछ खाया-पिया नहीं। सिर्फ रोती रही।

(क) माँ के दुःख का क्या कारण था और उसका दुःख कैसे बढ़ गया?
(ख) माँ के गुनाह और उसके प्रायश्चित पर टिप्पणी कीजिए।
(ग) माँ ने खुदा से क्या दुआ माँगी?

14. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:                  (3×3=9)

(क) गोपियों द्वारा श्री कृष्ण की बाँसुरी छिपाए जाने में क्या रहस्य है? 'दोहे' कविता के आधार पर अपने शब्दों में लिखिए।

(ख) 'आत्मत्राण' कविता की पंक्ति 'तव मुख पहचानूँ छीन-छीन में' का भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

(ग) 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' कविता में कवयित्री ने अपने दीपक से मोम की तरह धुलने के लिए क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए कि उस घुलने में उसका कौन-सा भाव छिपा है?

(घ) 'मनुष्यता' कविता के आधार पर किन्हीं तीन मानवीय गुणों के बारे में लिखिए।

15. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए:         (3+3=6)

(क) 'सपनों के-से दिन' पाठ के आधार पर पीटी सर की किन्हीं चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

(ख) टोपी ने मुन्नी बाबू के बारे में कौन-सा रहस्य छिपाकर रखा था और क्यों? विस्तार से समझाइए।

(ग) 'सपनों के-से दिन' पाठ में लेखक को स्कूल जाने का उत्साह नहीं होता था, क्यों? फिर भी ऐसी कौन-सी बात थी जिस कारण उसे स्कूल जाना अच्छा लगने लगा? कारण-सहित स्पष्ट कीजिए।

16. आज की शिक्षा-व्यवस्था में विद्यार्थियों को अनुशासित बनाए रखने के लिए क्या तरीके निर्धारित हैं? 'सपनों के-से दिन' पाठ में अपनाई गई विधियाँ आज के सन्दर्भ में कहाँ तक उचित लगती हैं? जीवन-मूल्यों के अलोक में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।            (5)

खंड - घ

17. विद्यालय में आयोजित सामाजिक विज्ञानं-प्रदर्शनी का विवरण देते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को, इसकी उपयोगिता बताते हुए, प्रकाशनार्थ पत्र लिखिए।        (5)

अथवा

जल-बोर्ड द्वारा दूषित जल की आपूर्ति के कारण जान-सामान्य को हो रही कठिनाइयों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए अध्यक्ष, जल-बोर्ड को एक पत्र लिखिए।

18. दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए:
(5)

(क) संयुक्त परिवार
• संयुक्त परिवार का अर्थ
• संबंधों में पड़ती दरार
• जोड़ने से लाभ

(ख) परोपकार
• आवश्यकता
• लाभ
• जीवन  संभव

(ग) जीव-जंतु और मानव
• सहज संबंध
• उपयोगिता
• सुझाव

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हिंदी 'ब' Previous Year Question Paper 2014 Topper Solutions| Class 10th

Solution of Previous Year Question Paper Class 10th Hindi Course 'B' Summative Assessment II 2014

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खंड - क

1. (i) (घ) मानवीय गुणों के विकास की
(ii) (ख) मन की दृढ़ता
(iii) (ग) कष्टों से जूझकर
(iv) (ग) सबल अतिसबल बन जाता है
(v) (ग) मन और शरीर की दृढ़ता

2. (i) (घ) चरित्र-निर्माण करना
(ii) (ग) प्रिया के रूप में
(iii) (घ) गार्गी तथा अपाला
(iv) (ग) मर्यादा की रक्षा के लिए
(v) (ग) प्रत्यक्ष

3. (i) (ख) भुजाओं के बल से
(ii) (ग) निरूद्यमी
(iii) (क) उद्यम और परिश्रम से
(iv) (ख) दूसरों का हिस्सा दबाकर रखते हैं
(v) (ख) उद्यम और परिश्रम का महत्व बताना

4. (i) (ख) छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए
(ii) (ख) विध्न-बाधाओं से
(iii) (घ) महिमावान् है
(iv) (ग) सहायता के लिए विदेशियों के सामने हाथ नहीं फैलाएँगे
(v) (ख) गर्हित

खंड - ख

5. (क) (i) इतना मधुर - विशेषण पदबंध
(ii) पशु-पर्व का आयोजन - संज्ञा पदबंध

(ख)  विश्वसंगठन - विश्व रूपी संगठन (कर्मधारय समास)

(ग) सुन्दर हैं जो नयन - सुनयन (कर्मधारय समास)

6. (क) (i) भीड़ - संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन, कर्ता कारक, 'होने' की क्रिया कर्ता।
(ii) कर रहे थे - क्रिया, सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचन, 'कर' धातु, भूतकाल
(iii) धीरे-धीरे - अव्यय, क्रियाविशेषण, रीतिवाचक, क्रियाविशेषण, 'बढ़ रहे थे' क्रिया का विशेषण

(ख) पुष्पोद्यान - पुष्प + उद्यान

7. (क) (i) मिश्र वाक्य
(ii) आज जब झंडा फहराया जाएगा, तब प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी।
(iii) वे प्रतियोगिता में भाग लेने गए और बाहर रोक लिए गए।

8. (क) (i) हमारा लक्ष्य देश की चहुँमुखी प्रगति होना चाहिए।
(ii) यहां केवल दो पुस्तकें रखीं हैं।
(iii) उसने आज घर में क्या किया?

(ख) अत्यधिक - अति अधिक

9. (i) हाथ फैलाना - अपने एकमात्र पुत्र की नौकरी लग जाने के लिए उसने देवी के सामने हाथ फैलाए।

(ii) राई का पर्वत करना - उसने खामखाँ छोटी-सी बात को लेकर राई का पर्वत कर दिया।

(iii) जाके पैर न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई - वह नेता खुद दो मंजिली मकान में रहता है, और अभी जनता के सामने बड़ी-बड़ी बातें करके सुविधाएँ दिलाने की बात कर रहा है। क्या वह सही में उनका नेतृत्व कर पाएगा? जाके पैर न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई!

(iv) हाथ कंगन को आरसी क्या? - मोहन जी इस इलाके के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। ऐसा न हुआ है कि उन्होंने किसी का सही इलाज न किया हो। उनके बारे में किसी से भी पूछ लो, आखिर हाथ कंगन को आरसी क्या?

खंड - ग

10.
(क) जापान के अस्सी फीसदी लोग मनोरुग्न हैं। यह हाल केवल जापान का ही नहीं, बल्कि अन्य विकसित और विकासशील देशों का भी है, जिसका कारण है लोगों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा। यहाँ सभी अपने आप- दूसरे से श्रेष्ट दिखाना चाहते हैं। एक महीने का काम एक दिन में निपटाना चाहते हैं। इसके कारण उनके दिमाग का रफ़्तार बढ़ गया है और ऐसा लगता है मानो उनके दिमाग में स्पीड का इंजन लग गया है। जीवन के बढ़ते रफ़्तार के कारण लोग अपना मानसिक संतुलन भुलाते जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप अधिकाधिक लोग मानसिक रोगों से ग्रस्त होने जा रहे हैं जो आधुनिक युग की देन है।

(ख) ख्यूक्रिन अपनी ऊँगली ऊपर उठाते हुए जोर-जोर से चिल्ला रहा था और किकिया रहे कुत्ते को एक टाँग से पकड़ रहा था। पूछे जाने पर उसने कहा कि वह पेशे से सुनार था। उसका कार्य इसी कारण अत्यंत पेचीदा था। मित्री मित्रिच के काठगोदाम से लकड़ी लेकर उसे कुछ जरुरी काम निपटाने थे कि अचानक उस कुत्ते ने अकारण ही उसकी ऊँगली काट खाई। ऊँगली के घायल होने के स्थिति में वह कई दिन तक काम नहीं कर पाता, जिसके कारण उसका भारी नुकसान होता। उस नुकसान की भरपाई के लिए उसने कुत्ते के मालिक से हरजाने की माँग की। मुआवज़ा पाने के लिए अपनी दलील को और करते हुए कहा कि कानून में कहीं नहीं लिखा है कि आदमखोर जानवर हमें काट खाएँ और हम उन्हें बरदाश्त करते रहें।

11. वज़ीर अली एक देशप्रेमी सैनिक था, जिसका लक्ष्य था अंग्रेज़ों को अपनी भारत-भूमि से समूल उखाड़ फेंकना। उसे अंग्रेज़ों से इतना नफ़रत था कि वह उनमें से किसी का कत्ल तक कर सकता था। उन लोगों के रहन-सहन तथा रीति-रिवाज़ों के प्रति नफ़रत उसके दिल में कूट-कूटकर भरी थी। एक अंग्रेज़ का कत्ल कर देने के बाद वह जंगलों में अपने गिने-चुने कुछ साथियों के साथ रहने लगा। वहीं अंग्रेज़ सिपाही वज़ीर अली को गिरफ्तार करने के लिए जंगल में डेरा डालते-डालते थक गए थे। ऐसी स्थिति में अंग्रेज़ कर्नल और लेफ्टिनेंट की आँखों में धूल झोंकते हुए वज़ीर अली ने छल से उससे दस कारतूस जिस तरह हासिल किए, वह कानून तथा लेफ्टिनेंट को चौंका देने वाला था। वज़ीर अली की ऐसी वीरता देखकर कर्नल हक्का-बक्का रह गया और उसके मुख से अनायास ही वज़ीर अली के लिए प्रशंसा के शब्द फर पड़े। वज़ीर अली शत्रु के खेमे में घुसकर जिस प्रकार कारतूस लेकर चला गया, उससे उसकी जाँबाजी का परिचय कर्नल को मिल ही गया और वह उसकी वीरता के सामने नतमस्तक हो गया।

12. (i) (ग) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे
(ii) (घ) बलिदानी सैनिकों के जत्थों को
(iii) (घ) जीत की खुशियाँ
(iv) (ख) देश पर बलिदान की ओर
(v) (ख) वीरों का समुदाय

13. (क) व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं क्योंकि वे लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होना चाहते हैं और अन्यों से आगे रहना चाहते हैं।

(ख) आदर्शवादी लोग खुद ऊपर चढ़ते हैं और दूसरों को भी ऊपर ले जाते हैं। समाज को शाश्वत मूल्यों की पूँजी तो आदर्शवादी लोगों की ही देन है।

(ग) समाज को पतन की ओर व्यवहारवादी लोग ही गिराते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य लाभ का ही रहता है।

14. (क) गोपियाँ, जो श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रेम करती है, उनकी बातों का रसास्वादन करना चाहती हैं। परंतु वे कृष्ण से बातें कर ही नहीं पातीं क्योंकि कृष्ण की मुरली सदैव उनके होठों से लगी रहती है। उनकी मुरली उनके मधुर अधरों से हटती ही नहीं। ईर्ष्यावश गोपियाँ श्री कृष्ण की मुरली छिपा देतीं हैं कि न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी। कृष्ण अपनी मुरली को यथास्थान में न पाकर गोपियों से प्रश्न करते हैं और गोपियाँ शपथ लेती हैं कि उन्होंने मुरली नहीं चुराई। परन्तु भौहों के हँस देने से यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्हीं ने मुरली छिपाई है। इस प्रकार उन्हें श्री कृष्ण से बात करने का अवसर मिल जाता है और वे उनकी बातों का आनंद लेती हैं।

(ख) 'आत्मत्राण' कविता में कवि इस पंक्ति द्वारा कहना चाहते हैं हे ईश्वर! आप मुझे वह शक्ति दें कि मैं दुःख का तो सामना कर सकूँ, साथ ही साथ में सुख के समय में भी आपके सामने नतमस्तक होऊँ। अपने चारों ओर की प्रत्येक वस्तु में आपका आभास करूँ। सुख की प्राप्ति हेतु आपका आभार मानूँ। ऐसा कभी ना हो कि सुख के समय में मैं एक क्षण के लिए भी आपको भुला दूँ। कवि ऐसा कहकर सुख और दुःख, दोनों समय में ईश्वर को अपना साथी मानते हैं। वे अपने कष्टों का निवारण स्वयं करना चाहते हैं और सुख के समय में ईश्वर को अपने मन में बसाकर रखना चाहते हैं।

(ग) 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' कविता में कवयित्री ने अपने आत्म-दीप के समक्ष मोम की तरह घुलने की बात कही है। उनकी इस बात में अपने आराध्य देव की ओर समर्पण का भाव है। वे चाहती हैं कि ईश्वर को अपना सबकुछ समर्पित कर देते हुए वे अपने कोमल शरीर को मोम की तरह घुल दें। वे  अपने शरीर के अणु-अणु को मोम की तरह गला देते हुए भी कोई अफ़सोस महसूस नहीं करना चाहती हैं। कवयित्री ने अपने दीपक से मोम की तरह घुलने को कहा ताकि वे अपना सबकुछ अपने आराध्य देव को समर्पित कर सकें।

15. (ख) एक बार टोपी ने मुन्नी बाबू को रहीम कबाबची की दुकान पर कबाब खाते हुए देख लिया था। इसका ज्ञान होने पर मुन्नी बाबू ने टोपी से यह बात किसी से न कहने को कही और उसे इकन्नी रिश्वत में दे दिया। फिर भी मुन्नी बाबू को यह बात सताती रही कि कहीं टोपी उसका यह राज़ दादी के सम्मुख उजागर न कर दे, हालांकि सीधा-सादा होने के कारण टोपी ने किसी से यह बात नहीं कही थी। एक बार जब टोपी ने इफ़्फ़न से दोस्ती करने के कारण पिट रहा था, तभी मुन्नी बाबू ने उसी बात का इल्ज़ाम टोपी के सिर मढ़ दिया क्योंकि उसे पता था कि टोपी इस बात से और तो पिटेगा, साथ में उसकी सच्चाई पर किसी को विश्वास तक नहीं होगा।

(ग) 'सपनों के-से दिन' पाठ में लेखक और उनके दोस्तोंको स्कूल ऐसी जगह कभी नहीं लगी, जहाँ भाग के जाई जा सके। उन्हें तो स्कूल कैद की तरह प्रतीत होता था तथा लेखक और उनके अधिकांश साथी चौथी कक्षा तक रोते-चिल्लाते ही स्कूल जाया करते। इसके पीछे का प्रमुख भय शिक्षकों के मारपीट का ही रहता। परन्तु उन्हें स्कूल जाना तब अच्छा लगने लगता जब पीटी मास्टर प्रीतमचंद उन्हें स्काऊटिंग का अभ्यास कराते। पढाई की वे उन्हें हाथ में नीली-पीली झंडियाँ पकड़वा लेते और वन-टू-थ्री कहकर मार्च करवाया करते। अच्छा परेड होने पर वे अपनी आँखों को झपकाकर शाबाशी देते, जो बच्चों को कुछ कम चमत्कृत नहीं करता।

16. पाठ 'सपनों के-से दिन' में एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था का वर्णन है जहाँ दंड देना शिक्षक को कतई अस्वीकार नहीं है। वे विद्यार्थी को अनुशासित रखने के लिए कठोर से कठोर दंड अपनाना चाहते हैं। आज के परिपेक्ष में कठोर दंड देना कानूनन जुर्म है। शिक्षा मंत्रालय ने विद्यार्थियों के सार्वमौलिक विकास के लिए अनेक बदलावों को अपनाया है, जैसे 'पास'और 'फेल' जैसे शब्दों को निलंबित करना तथा दंड व्यवस्था को खारिज करना। यदि बच्चों को सदैव हर बातों पर दंड दिया जाए, तो वह डब्बू और डरा-डरा सा रहने लगता है। शिक्षकों के भय से वह सही प्रकार से पढ़ नहीं पाता है और स्कूल उसे जेल प्रतीत होता है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली के सुखद बदलाव के बाद ऐसा काम हो गया है। अब शिक्षकों को आभास होना चाहिए कि विद्यानुकूल पपरिवेश की सृष्टि तभी होती है, जब विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने, खेल-कूद करने तथा स्कूल के अंदर-बाहर हर प्रकार की आजादी हो। कार्य पूरा न होने पर शिक्षकों को बच्चों के साथ संवेदनात्मक व्यवहार करना चाहिए, न कि उसपे टिका-टिप्पणी करना, उसे ताने मारना तथा उसे दंड देना।

खंड - घ

17.

सेवा में,
अध्यक्ष,
जल बोर्ड,
क.ख.ग नगर निगम,
क.ख.ग नगर।
दिनांक - 5-3-2014

विषय - दूषित जल की आपूर्ति के कारण जन-सामान्य को हो रही कठिनाई।

मान्यवर,
सेवनीय निवेदन है कि कुछ दिनों से हमारे इलाके में दूषित जल की आपूर्ति के कारण हमें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूषित जल के कारण हम अपने दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं तथा हमारे मोहल्ले के कुछ बच्चे रोगग्रस्त भी हो चुके हैं। टाइफाइड और जॉन्डिस जैसे भयंकर रोगों के होने पर भी जब हमने अधिकारियों को इस बारे में पत्र लिखा, तब उनके कानों में जूँ तक नही रेंगीं।
आशा करती हूँ कि आप उचित कार्यानुष्ठान ग्रहण करते हुए इस नर्कतुल्य जीवन से शीघ्र ही उद्धार करेंगे।
सधन्यवाद
भवदीया,
य.र.ल.व
अ.ब.ज कॉलोनी
क.ख.ग. नगर

18. (ख)
परोपकार

'परोपकार' शब्द दो शब्दों के मेल से बना है - 'पर' और 'उपकार' जिसका अर्थ है, दूसरों का उपकार या दूसरों की सहायता। मनुष्य सामाजिक और विनयशील प्राणी है, जिसे सहानभूति लेने तथा देने, दोनों की आवश्यकता होती है। दूसरों की सहायता को ही परोपकार कहते हैं, तथा ऐसा करने वाले मनुष्य सबसे श्रेष्ठ होता है क्योंकि परोपकार ही श्रेष्ठतम मानवीय गुण है। इस गुण के बिना मनुष्य पशु-तुल्य होता है। परोपकार करने से कोई हानि नहीं होती, वरन् लाभ अनेक होते हैं। इससे मानवीय सौहार्द का विकास होता है तथा उपकार करने, और उपकृत - दोनों के संबंध को और मज़बूत करता है। इससे न केवल उपकार पाने वाला व्यक्ति धन्य होता है बल्कि उपकार करने वाले के हृदय में भी दया और इंसानियत की लहर दौड़ जाती है। परन्तु आज के कलियुग में में परोपकार जितना आवश्यक है, उतना अनावश्यक भी। समाज में कई ऐसे लोग पाए जा सकते हैं जो उपकार-प्राप्ति की आड़ में रहते हुए अनचाहा फायदा भी उठा लेते हैं। हमें परोपकारी तो रहना चाहिए, परन्तु ऐसे लोगों को भी ध्यान चाहिए और सही निर्णय लेते हुए कदम उठाना चाहिए। अंत में इस महान गुण के विषय में यही कहा जा सकता है कि - "परहित सरिस धन नहीं भाई।"

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Saturday, 30 January 2016

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 9 The Industrial Revolution History

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 9 The Industrial Revolution History

Page No: 212

Exercises

Answer in brief

1. What was the effect on Britain’s industries of Britain’s involvement in wars from 1793 to 1815 ?

Answer

Britain was involved in wars with France during this i.e,1793 to 1815. The Britain's involvement in the war was greatly affected. Factories were shut down. Trade collapsed. That is why Britain was unable to get capital formation and reinvestment during war period.it had to use borrowed capital to fight rather than reinvestment. The prices of essential commodities were very high.so, this war affected British industries in many ways.

2. What were the relative advantages of canal and railway transportation?

Answer

The relative advantages of canal and railway transportation:
(i) It made the transportation easier and less costly.
(ii) It made easier both internal and external trade.
(iii) Rivers helped in transportation of bulky goods in interior parts of the country.

3. What were the interesting features of the ‘inventions’ of this period?

Answer

Some of the interesting features of the invention made by 'invention' during this period were:
(i) In 1709, Abraham daeby first time made process of smelting by using coal.
(ii) John key invented flying shuttle in 1733.The invention of flying shuttle speed up the production in textile industries.
(iii) In 1856 the technique of making steel by purifying iron was invented by Henry Bessemer.
(iv) Crompton invented Mule was a combination of both spinning jenny and water frame, which improved the quality of spinning.
(v) Duke of bridge water and James Brindly played a remarkable role in the construction of canals in England. It led to development of both rural and urban areas.
(vi) George Stephenson invented railway steam-engine known as father of railway.

4. Indicate how the supply of raw materials affected the nature of British industrialisation.

Answer

(i) The British got raw materials for the textile industries in India in form of cotton bales and began to export it for weaving clothes. It shifted the processing from homes to factories.
(ii) Initially spinning consumes a lot of time, but with the invention of technical knowledge the production began to increases. It increased the demand for raw material.
(iii) The political motives of imperialism. It further extended in the form of imperialism. It also led to the economic exploitation.
(iv) It boosted the Britishers industrial methods to gain more and more raw material forms colonial countries.

Answer in Short Essay

5. How were the lives of different classes of British women affected by the Industrial Revolution?

Answer

Women were supposed to observe strict discipline. They were also punished for violation of any discipline. Women of all classes began to work in factories. It helped them to getting financial independence and self-esteem. But their wages were low as compared to men for same working hours. Industrialization was a blessing in disguise. A number of food items became cheap and available in abundance. It increased the social status of women in particular.

6. Compare the effects of the coming of the railways in different countries in the world.

Answer

The coming of railways affected different countries across the world dramatically and boosted the process of industrialisation. Railways provide a lot of opportunities and also accelerated trade and commerce. Thus, it can be said that the coming of railways connected different countries of the world. Railways also helped in transportation of heavy goods easily at cheaper rates. It joined the different parts of countries and helped in picking of materials easily. The expansion of railways helped the imperialist countries a lot.

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Thursday, 28 January 2016

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 8 Confrontation of Cultures History

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 8 Confrontation of Cultures History

Page No: 184

Exercises

Answer in brief

1. Compare the civilisation of the Aztecs with that of the Mesopotamians.

Answer

(i) The people of Aztecs civilization worshiped the gods of war and sun while Mesopotamian people worshiped many gods and goddesses.
(ii) In Aztecs civilization canal irrigation was done while in Mesopotamian civilization is a river valley civilization hence canals were also there for irrigation.
(iii) Aztecs society was hierarchical. It includes nobles, priests, warriors and traders while Mesopotamian society was divided into three classes. It included higher, middle and lower classes.

2. What were the new developments helping European navigation in the fifteenth century?

Answer

(i) The invention of magnetic compass in 1380 CE helped in searching and identifying four cardinal directions. These directions were north, south, east and west.
(ii) Development also took places in the manufacturing sailing ships.
(iii) Travel literature and books on geography were also available.
(iv) Ptolemy’s geographical information helped the sailors in about different cardinal directions.

(v) The Travelogue of MarcoPolo also helped a lot in European navigation and created wide interest among the people.

3. Give reasons for Spain and Portugal being the first in the fifteenth century to venture across the Atlantic.

Answer

(i) The rulers of both Spain and Portugal had passion for acquiring wealth in the form of gold and treasure for glory titles.
(ii) They also wanted to establish colonies in the regions.
(iii) Many Christians wanted to bring people of other land into the fold of Christianity.
(iv) The Christian missionaries wanted to venture across the Atlantic.

4. What new food items were transmitted from South America to the rest of the world?

Answer

The food items which were transmitted from south America to the rest of the world were as follows-
(a) Cane sugar
(b) Potatoes
(c) Rubber
(d) Tobacco
(e) Chilies

Answer in Short Essay

5. Write an account of the journey of an African boy of seventeen captured and taken to Brazil as a slave.

Answer

The journey of African boys was very rigid. He was made slave and departed with other slaves to a ship. Their journey started from Congo. Their ship sailed in Atlantic Ocean and reach Brazil in South America via Angola.

6. How did the ‘discovery’ of South America lead to the development of European colonialism?

Answer

For Europe, the ‘discovery’ of the Americans had consequences for other besides the initial voyagers. The influx of gold and silver helped further expansion of international trade and industrialization. Between 1560 and 1600, a hundred ships each year carried silver from South American mines to Spain. But it was not Spain and Portugal that benefited. They did not invest their huge income in further trade or in building of merchant navy. Instead, it was the countries bordering Atlantic, particularly England , France, Belgium and Holland, that took advantage of the ‘discoveries’.
Europe also became familiar with new crops from Americas, notably potatoes and chilies.
For the native people of the America the immediate consequences were the physical decimation of local population, the destruction of their way of life and their enslavement in mines, plantations and miles.

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Wednesday, 27 January 2016

संकलित परीक्षा - II 2015 हिंदी 'ब' Previous Year Question Paper| Class 10th

Previous Year Question Paper of Hindi Course 'B' Class 10th Summative Assessment II 2015

निर्धारित समय: 3 घंटे
अधिकतम अंक: 90

निर्देश -
1. इस प्रश्न पत्र में कुल चार खंड हैं - क, ख, ग और घ।
3. चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
4. यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

खण्ड - क

1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए।       (2×6=12)

मनुष्य जीवन की सबसे बड़ी सिद्धि अपने अहं के सम्पूर्ण त्याग में है। जहाँ वह शुद्ध समर्पण के उदात्त भाव से प्रेरित होकर अपने 'स्व' का त्याग करने को प्रस्तुत होता है वहीं उसके व्यक्तित्व की महानता परिलक्षित होती है। साहित्यानुरागी जब उच्च साहित्य रसस्वादन करते समय स्वयं की सत्ता को भूलकर पात्रों के मनोभावों के साथ एकत्व स्थापित कर लेता है तभी उसे साहित्यानन्द की दुर्लभ मुक्तामणि प्राप्त होती है। भक्त जब अपने आराध्य देव के चरणों में अपने 'आप' को अर्पित कर देता है और पूर्णतः प्रभु की इच्छा में अपनी इच्छा को लय कर देता है भी उसे प्रभु भक्ति की अलभ्य पूँजी मिलती है। यह विचित्र विरोधाभास है कि कुछ और प्राप्त करने के लिए स्वयं को भूल जाना ही एकमात्र सरल और सुनिश्चित उपाय है। यह अत्यन्त सरल दिखने वाला उपाय अत्यन्त कठिन भी है। भौतिकी जगत में अपनी क्षुद्रता को समझते हुए भी मानव हृदय अपने अस्तित्व के झूठे अहंकार में डूबा रहता है उसका त्याग कर पाना उसकी सबसे कठिन परीक्षा है। किन्तु यही उसके व्यक्तित्व की चरम उपलब्धि भी है। दूसरे का निःस्वार्थ प्रेम प्राप्त करने के लिए अपनी इच्छा-आकांक्षाओं और लाभ-हानि को भूल कर उसके प्रति सर्वस्व समर्पण एक एकमात्र माध्यम है। इस प्राप्ति का अनिवर्चनीय सुख वही चख सकता है जिसने स्वयं को देना-लुटाना जाना हो। इस सर्वस्व समर्पण से उपजी नैतिक और चारित्रिक दृढ़ता, अपूर्व समृद्धि और परमानन्द का सुख वह अनुरागी चित्त ही समझ सकता है जो -
'ज्यों-ज्यों बूड़े श्याम रंग, त्यों-त्यों उज्जवल होय'

(क) मनुष्य जीवन की महानता किसमें है? लेखक ऐसा क्यों मानता है?
(ख) 'साहित्यानुरागी' से क्या तात्पर्य है? उसे आनंद किस प्रकार प्राप्त होता है?
(ग) प्रभु-भक्ति की पूँजी कैसी बतायी गयी है और भक्त उसे कब प्राप्त कर सकता है?
(घ) मनुष्य के व्यक्तित्व की चरम उपलब्धि क्या है और क्यों?
(ड़) 'विचित्र विरोधाभास' किस माना गया है और क्यों?
(च) 'सर्वस्व समर्पण' का क्या क्या तात्पर्य है और ऐसा करने के क्या लाभ हैं?

2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-                                        (2×4=8)

किस भाँति जीना चाहिए किस भाँति मरना चाहिए,
सो सब हमें निज पूर्वजों से याद करना चाहिए।
पद-चिन्ह उनके यत्नपूर्वक खोज लेना चाहिए,
निज पूर्व-गौरव-दीप को बुझने न देना चाहिए।
आओ मिलें सब देश-बांधव हर बनकर देश के,
साधक बने सब प्रेम से सुख-शांतिमय उद्देश्य के।
क्या सांप्रदायिक भेद से है, ऐक्य मिट सकता अहो,
बनती नहीं क्या एक माला विविध सुमनों की कहो,
प्राचीन हो कि नवीन, छोड़ो रूढ़ियाँ जो हों बुरी,
बनकर विवेकी तुम दिखाओ, हंस जैसी चातुरी,
प्राचीन बातें ही भली हैं, यह विचार अलीक है
जैसी अवस्था हो जहाँ वैसी व्यवस्था ठीक है,
मुख से न होकर चित्त से देशानुरागी हो सदा।
देकर उन्हें साहाय्य भरसक सब विपत्ति व्यथा हरो,
निज दुःख से ई दूसरों के दुःख का अनुभव करो।

(क) हमें पूर्वजों से क्या-क्या सीखना चाहिए?
(ख) विविध सुमनों की एक माला से कवि क्या समझाना चाहता है?
(ग) कविता में हंस के उदाहरण के द्वारा कवि क्या प्रतिपादित करना चाहता है?
(घ) भाव स्पष्ट कीजिए - "मुख से न होकर चित्त से देशानुरागी हो सदा"।

खंड - ख

3. शब्द, पद के रूप में कब बदल जाता है? उदाहरण देकर शब्द और पद का भेद स्पष्ट कीजिए।  (1+1=2)

4. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए:                                                                                                   (1×=3)
(क) सरला ने कहा कि वह कक्षा में प्रथम रही। (रचना के आधार पर वाक्य-भेद बताइए)
(ख) लोकप्रियता के कारण उसका जोरदार स्वागत हुआ। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(ग) वे बाज़ार गए और सब्ज़ी ले आए। (सरल वाक्य में बदलिए)

5. (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए:                                               (1+1=2)
हाथी-घोड़े, पीतांबर।

(ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए:                                        (1+1=2)
घन के समान श्याम, देश का वासी।

6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए:                                                                  (1×4=4)
(क) एक सोने का हार ले आओ।
(ख) कृपया आज का अवकाश देने की कृपा करें।
(ग) मुझे हजार रुपए चाहिएँ।
(घ) क्या वह देख लिया है?

7. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए: (1+1=2)
काम तमाम कर देना, हक्का-बक्का रह जाना।

खंड - ग

8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:                                                                              (2+2+1=5)
(क) 'गिरगिट' पाठ में येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को उसके दोषी होने के क्या कारण बताए?
(ख) शेख अयाज़ के पिता भोजन छोड़कर क्यों उठ खड़े हुए?इससे उनके व्यक्तित्व की किस विशेषता का पता चलता है? 'अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुखी होने वाले' पाठ के आधार पर लिखिए।
(ग) शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग-अलग कैसे है? स्पष्ट कीजिए।

9. 'गिरगिट' कहानी समाज में व्याप्त चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य है - इसे पाठ के आधार पर सोदाहरण सिद्ध कीजिए।                                                                                                                          (5)

10. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:               (2+2+1=5)

यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था, अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चूका है। पहले बड़े-बड़े दालानों में सब मिल-जुलकर रहते थे। अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है।

(क) किस हिस्सेदारी में मानव ने दीवारें खड़ी कर दी हैं और कैसे?
(ख) पूरा संसार अब कैसा हो गया है और क्यों?
(ग) 'छोटे-छोटे डिब्बों जैसे घरों' कथन से क्या आशय है?

11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:                                                                           (2+2+1=5)
(क) 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' कविता में कवयित्री किसका पथ आलोकित करना चाहती है। स्पष्ट कीजिए।
(ख) 'कर चले हम फ़िदा' कविता में कवि ने 'साथियों संबोधन का प्रयोग किसके लिया किया है और क्यों?
(ग) ग्रीष्म ऋतू में संसार तपोवन-सा कैसे हो जाता है? बिहारी के 'दोहे के आधार पर उत्तर दीजिए।

12. 'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि ने किन गुणों को अपनाने का संकेत दिया है? तर्क-सहित उत्तर दीजिए।                                                                                                                                 (5)

13. टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा होगा? उसकी भावनात्मक परेशानियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आपके विचार से क्या परिवर्तन होने चाहिए? तर्क-सहित उत्तर दीजिए।                                  (5)

खंड - घ

14.  दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए:                                                                                                                                (5)

(क) हमारा देश
• भौगौलिक विस्तार
• समाज और संस्कृति
• आज का बदलता रूप

(ख) श्रम का महत्व
• श्रम और मानव जीवन
• लाभ
• सुझाव

(ग) भारत की बढ़ती जनसंख्या
• देश की प्रगति और जनसंख्या
• हानियाँ
• सुझाव

15. विश्व पुस्तक मेले 'गांधी दर्शन' से सम्बन्धित स्टाल में गाँधी साहित्य के प्रचार के लिए कुछ युवक-युवतियों की आवश्यकता है।आप अपनी योग्यताओं और रुचियों का विवरण देते हुए 'गाँधी स्मृति' संस्था के अध्यक्ष को आवेदन पत्र लिखिए।                                                                                               (5)

16. आपके विद्यालय में एक सप्ताह के लिए 'नेत्र चिकित्सा शिविर' लगाया जा रहा है, जिसमें निःशुल्क नेत्र-परीक्षण किया जाएगा। स्थानीय जनता की सूचना के लिए 30 शब्दों में एक सूचना-पत्रक लिखिए। (5)

17. मोबाइल फोन से होने वाले के संबंध में मित्र से हुए वार्तालाप का एक संवाद 50 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)

18. हिंदी की पुस्तकों की प्रदर्शनी में आधे मूल्य पर बिक रही महत्वपूर्ण पुस्तकों को खरीदकर लाभ उठाने के लिए लगभग 25 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए।                                                                         (5)

हिंदी 'ब' Previous Year Question Paper 2015 Topper Solutions| Class 10th

Solution of Previous Year Question Paper Class 10th Course 'B' Summative Assessment II 2015

इस उत्तर पत्र को देखने से पहले प्रश्न पत्र को यहाँ देखें। 

खंड - क

1. (क) लेखक के अनुसार मनुष्य जीवन की महानता अपना सर्वस्व न्योछावर करने में हैं। यह इसलिए क्योंकि अपने अहं को पूर्णतः त्याग देना अत्यधिक कष्टसाध्य है। यह मनुष्य तभी कर सकता है जब वह शुद्ध समर्पण के भाव से प्रेरित हो।

(ख) 'साहित्यानुरागी' वह होता है जो उच्च साहित्य का रसस्वादन करते समय पात्रों के मनोभावों को अपना बनाकर, उस पात्र में एकाकार होता है। इस प्रकार पात्रों में घुसकर तथा स्वयं के मनोभावों को त्याग कर वह साहित्य का आनंद प्राप्त करता है।

(ग) लेखक का मंतव्य है कि प्रभु भक्ति की पूँजी अलभ्य है। पर भक्त इस पूँजी को तब प्राप्त कर सकता है जब जब वह अपना सर्वस्व प्रभु को अर्पित कर दें और पूर्णतः प्रभु की इच्छा में अपनी इच्छा को लय कर देता है।

(घ) भौतिक सुखों में लिप्त होने पर भी अपनी क्षुद्रता को समझना और अपने अस्तित्व के झूठे अहंकार को त्याग देना मनुष्य के व्यक्तित्व की चरम उपलब्धि है। यह उपलब्धि प्राप्त करना एक कठिन परीक्षा के समान है। इस कार्य को करना हँसी खेल नहीं है।

(ड़) कुछ और प्राप्त करने के लिए स्वयं को भूल जाना ही 'विचित्र विरोधाभास' है। यह मार्ग सरल अवश्य प्रतीत होता है परन्तु इसे अपनाने पर ज्ञान होता है कि यह अत्यंत कठिन मार्ग है।

(च) 'सर्वस्व समर्पण' अर्थात स्वयं को पूर्णतः परार्थ हेतु समर्पित कर देना। सर्वस्व समर्पण करने पर मनुष्य की नैतिक और चारित्रिक दृढ़ता, अपूर्व समृद्धि और परमानंद का सुख प्राप्त होता है। यही इसका लाभ है।

2. (क) हमें अपने पूर्वजों से जीवन जीने के लिए आवश्यल मूल्य सीखने चाहिए। एक सुखदायी जीवन जीने, सुमृत्यु प्राप्त करने आदि जैसी नीतियों को पूर्वजों से सीखना चाहिए।

(ख) 'विविध सुमनों की माला' द्वारा कवि अनेकता में एकता के भाव को उतपन्न करना चाहते हैं। वे कहना चाहते हैं कि जिस प्रकार एक माला में नाना प्रकार के फूल हो सकते हैं उसी प्रकार समाज में भिन्न धर्म, जाति, संप्रदाय आदि के लोग एक होकर रह सकते हैं।

(ग) कविता में हंस का उदाहरण उसके चातुर्य के कारण किया गया है। कवि कहते हैं कि मनुष्य को नए-पुराने सभी प्रकार की रूढ़ियों को त्याग कर हंस की भाँति चतुर बनना चाहिए।

(घ) प्रस्तुत पंक्ति द्वारा कवि स्वदेश प्रेम की भावना उजागर करना चाहते हैं। वे कहते हैं की मनुष्य में अपने देश के प्रति हृदय से अनुराग और आसक्ति का होना अनिवार्य है। उसे देश के प्रति प्रेम होने का बाह्यडंबर नहीं करना चाहिए।

खंड - ख

3. दो या दो से अधिक वर्णों के सार्थक व् स्वतंत्र समूह को शब्द कहते हैं शब्दों पर व्याकरण के नियम लागू नहीं होते हैं।
शब्दों को जब वाक्य में प्रयोग किया जाता है, तब वे पद में बदल जाते हैं पदों पर व्याकरण के नियम लागू हो जाते हैं।

उदाहरण: 'फल' - यह शब्द है।
               'मैंने फल खाया।' यहाँ 'फल' शब्द न रहकर पद बन गया है।

4. (क) मिश्र वाक्य
(ख) वह लोकप्रिय था इसलिए उसका जोरदार स्वागत हुआ।
(ग) वे बाज़ार जाकर सब्ज़ी ले आए।

5. (क) हाथी-घोड़े: विग्रह - हाथी और घोड़े
                           भेद - द्वंद्व समास

पीतांबर: विग्रह - पीत (पीला) है जिसका अंबर
                     भेद - कर्मधारय समास

 (ख) घन के समान श्याम: समस्तपद - घनश्याम
                                        भेद - तत्पुरुष समास

देश का वासी: समस्तपद - देशवासी
                                        भेद - तत्पुरुष समास

6. (क) सोने का एक हार ले आओ।
(ख) कृपया आज का अवकाश दें।
(ग) मुझे हज़ार रुपए चाहिए।
(घ) क्या उसने देख लिया है?

7. काम तमाम कर देना - पांडवों ने कौरवों का काम तमाम कर दिया।
हक्का-बक्का रह जाना - विदेशी पर्यटक ताज महल की सुंदरता को देखकर हक्का-बक्का रह जाते हैं।

खंड - ग

8. (क) येल्दीरीन तथा भीड़ में उपस्थित जब सभी लोगों को ज्ञान हुआ कि कुत्ता जनरल साहब का था, तब येल्दीरीन कुत्ते का पक्ष लेने लगा। उसने कहा की ख्यूक्रन शरारती व्यक्ति था और ख्यूक्रिन ने जान-बूझकर कुत्ते की नाक में जलती सिगरेट घुसा दी होगी येल्दीरीन का मत था कि वह कुत्ता कभी किसी को हानि नहीं पहुँचा सकता है।

(ख) शेख अयाज़ के पिता कुएँ के पास से लौटे थे। भोजन करते समय जब उन्होंने अपनी बाजू पर एक च्योंटा देखा, तब वे तुरंत भोजन छोड़कर उठ खड़े हुए। शेख की माँ के पूछने पर उनके (शेख अयाज़ के) पिता ने कहा कि वे बेघर हुए च्योंटे को उसके परिवार के पास छोड़ने जा रहे हैं। इस प्रकरण से हमें यह ज्ञात होता की शेख अयाज़ के पिता दयावान थे। उनमें प्राणीमात्र के प्रति सहानुभूति थी। वे सभी प्राणियों के दुख-दर्द समझने थे।

(ग) शुद्ध सोने पर शत-प्रतिशत सोना होता है तथा गिन्नी के सोने में ताँबा मिलाया जाता है। जीवन में गिन्नी के सोने का व्यावहारिक उपयोग अधिक होता है पर शुद्ध सोना ही मूलयवान है। अतः वे भिन्न हैं।

9. 'गिरगिट' ऐसा प्राणी होता है जो परिस्थिति के अनुकूल अपना रंग बदलता है। प्रस्तुत पाठ 'गिरगिट' द्वारा लेखक 'अंतोन चेखव जी' ने अपने मुख्य पात्र ओचुमेलॉव की चापलूसी व् रिश्वतखोरी के माध्यम से समाज में विद्यमान अनेक विसंगतियों को उजागर करने का प्रयास किया है। पेशे से इंस्पेक्टर होने के नाते यह ओचुमेलॉव का कर्तव्य था कि वह न्याय करे, पक्षपात नहीं। परंतु ख्यूक्रिन और कुत्ते के बीच हुए मसले में वह न्याय करना भूल गया तथा अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु चापलूसी करने लगा। जैसे ही यह ज्ञान हुआ कि कुत्ता जनरल साहब का था और अंत में यह ज्ञान हुआ कि कुत्ता जनरल के भाई का था, वैसे ही ओचुमेलॉव तथा उसका साथी येल्दीरीन, जनरल साहब और उसके भाई की चापलूसी करने लगे। अपनी चाटुकारिता द्वारा वे लाभ प्राप्त करना चाहते थे। ख्यूक्रिन ने भी इस बात का जिक्र किया कि उसका एक भाई पुलिस में था। अतः उपर्युक्त सभी उदाहरण तथा पाठ में वर्णित सभी प्रकरण इस बात को दर्शाते हैं कि 'गिरगिट'पाठ समाज में व्याप्त चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य है।

10. (क) संसार सभी प्राणी के लिए है और सभी प्राणी का इस संसार पर समान अधिकार है। सभी प्राणी इस संसार के समान हिस्सेदार हैं। परंतु मनुष्य ने अपनी तीव्र बुद्धि द्वारा प्राणियों के बीच दीवारें खड़ी कर दी है। इतना ही नहीं मनुष्य ने भेद-भाव कर अपनी ही मनुष्य जाति के बीच भी दीवारें खड़ी कर दी है।

(ख) पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था। अब सभी टुकड़ों में विभाजित हो गए हैं। मनुष्य-मनुष्य के बीच दूरियाँ बढ़ती जा रही है। संयुक्त परिवारों से अब एकल परिवारों में रहने लगे हैं। बड़े-बड़े दालानों जैसे घर अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में तब्दील हो गए हैं। इन सभी का कारण मनुष्य का स्वार्थ तथा मनुष्य द्वारा बनाई गईं भेद-भाव की दीवारे हैं।

(ग) 'छोटे-छोटे डिब्बों जैसे घरों' द्वारा लेखक मनुष्य के वर्तमान रूप को दर्शाते हैं। वे कहते हैं कि अब घर छोटे फ्लैट में तब्दील हो गए हैं। यह फ्लैट लेखक को डिब्बे जैसा प्रतीत होता है।

11. (क) कवयित्री 'महादेवी वर्मा जी' के मन में अपने अज्ञात ईश्वर के प्रति अनुराग व् आसक्ति है। वे ईश्वर को अपना प्रियतम मानती हैं तथा उनमें एकाकार हो जाना चाहती हैं। वे ईश्वर को प्राप्त करने हेतु प्रत्येक बाधा का सामना करने के लिए सज्ज हैं। अतः वे अपने आस्था रूपी दीपक से यह आग्रह करती हैं कि वह सदैव जलता रहे तथा ईश्वर को प्राप्त करने के मार्ग को आलोकित तथा उज्ज्वलित करता रहे।

(ख) 'कर चले हम फ़िदा' कविता भारत-चीन युद्ध के दरमियान लिखी गयी थी। इस दौरान भारतीय सेना में सैनिकों की नितांत आवश्यकता थी। अतः कवि ने भारत के युवाओं को फ़ौज में भरती होने का आह्वाहन करते हुए, देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह करते हुए तथा उन्हें प्रोत्साहित करते हुए 'साथियों' संबोधन का प्रयोग देश के युवाओं के लिए किया है।

(ग) कवि बिहारी कहते हैं कि ग्रीष्म ऋतू की प्रचंड व भीषण गर्मी कर कारण संसार तपोवन की भाँति जल उठता है। इस गर्मी में सभी क्रूर प्राणी सौम्य हो जाते हैं जैसे तपोवन में जाकर होते हैं।

12. 'मनुष्यता' कविता द्वारा कवि 'श्री मैथलीशरण गुप्त' मनुष्य जाति को उनके वास्तविक लक्षण तथा कर्तव्यों का बोध कराते हैं। वे कहते हैं कि वास्तव में मनुष्य वही होता है जो मनुष्य के लिए मरता है। मनुष्य को परोपकारी तथा उदार होना चाहिए। स्वार्थ हेतु जीना पशु-प्रवत्ति है, परार्थ हेतु जीना ही मनुष्य की प्रवत्ति है। विपरीत परिस्थितियों में भी जनहित तथा जनकल्याण के विषय में सोचना मनुष्यता के लक्षण हैं। मनुष्य हाटी के उद्धार हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाला मनुष्य कहलाता है। कर्ण, रंतिदेव, दधीचि का उदाहरण देकर कवि मनुष्यों को यही सन्देश देते हैं। कि विश्व में आत्म भाव का प्रचार करना अत्यावश्यक है। परस्परावलंब अर्थात एक दूसरे का सहारा बनकर, सहयोग करना मनुष्य का धर्म है। आखिर सभी मनुष्य बंधु हैं तथा इनकी निर्मिति करने वाला एक ही है। अतः कवि उपर्युक्त गुणों को अपनाने का संकेत देकर मनुष्यों को एक सुखी समाज की स्थापना करने का आग्रह करते हैं।

13. टोपी शुक्ला तीव्र बुद्धि का बालक था फिर भी वह नवीं कक्षा में दी बार फेल हुआ। इस कारणवश उसे कई भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कक्षा में उसके सहपाठी उसका उपहास किया करते थे। उसके शिक्षकगण भी उसे बुरा-भला कहते थे। उनका टोपी के प्रति रवैया सख्त था। टोपी को समझने वाला कोई नहीं था। वह पूर्णतः अकेला हो गया था। टोपी की भावनात्मक परेशानियों के मद्देनजर रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में निम्न परिवर्तन किये जा सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षाओं के आधार पर न आँककर, उनकी प्रतिभा के आधार पर आँका जा सकता है। उन्हें परीक्षाओं में प्राप्त किये गए अंकों के आधार पर उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण घोषित नहीं करना चाहिए। विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को उचित प्रोत्साहन देना चाहिए। शिक्षकगणों को बाल मनोविज्ञान को समझना होगा।

खंड - घ

14.  (क)                                                       हमारा देश

"जहाँ डाल-डाल पर सोने की 
चिड़िया करती है बसेरा,
वो भारत देश है मेरा,
वो भारत देश है मेरा,
सोने की चिड़िया कहलाने वाला हमारा भारत विश्व का अद्वितीय राष्ट्र है। क्षेत्रफल के अनुसार भारत सातवें स्थान पर है। भारत का भौगौलिक विस्तार बहुत विशाल है। भारत संसार का सर्वाधिक त्योहार मनाने वाला राष्ट्र है। यह विभिन्न धर्म, जाति, संप्रदाय, आदि को मानने वाले नाना प्रकार के भाषा बोलने वाले नागरिक वास करते हैं। भारत का इतिहास, वेद-पुराण, दर्शनीय स्थल, विभिन्न व्यंजन आदि विश्व विख्यात हैं। विदेशी भारत की संस्कृति को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं। परंतु यह भी एक कठोर सत्य है कि वर्तमान में भारत की समाजिक स्थिति ठीक नहीं है। चोरी, ठगी, भ्रष्टाचार, घरेलू हिंसा, नारियों का तिरस्कार प्रदूषण आदि कुरूतियों ने भारतीय समाज पर आक्रमण कर दिया है। यदि इस स्थिति को बदला ना गया तो भारत की छवि बिगड़ जाएगी। अतः कर्तव्यनिष्ठ नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम भारत को विश्व फलक तक पहुँचाएँ।

15. सेवा में,
संस्था अध्यक्ष जी,
गांधी स्मृति संस्था,
क.ख.ग. नगर।
विषय: विश्व पुस्तक मेले में गांधी-साहित्य का प्रचार करने का अवसर प्रदान करने हेतु आवेदन पत्र।
महोदय,
            मैं आपके शहर में रहने वाली एक युवती हूँ। मुझे गांधी-साहित्य में बहुत रूचि है। मैंने गांधीजी द्वारा लिखित पुस्तकें भी पढ़ी हैं। इसके अतिरिक्त मेरा हिंदी और अंग्रेज़ी में समान अधिकार है। मैं दोनों ही भाषाओँ में अच्छे ढंग से वार्तालाप कर सकती हूँ। गांधी साहित्य का प्रचार करना मेरी चिरसंचित अभिलाषा है।
                                           अतः मैं आपसे सवनिय निवेदन करती हूँ कि विश्व पुस्तक मेले में 'गांधी दर्शन' से संबंधित स्टाल में गांधी-साहित्य का प्रचार करने हेतु आप मुझे अवसर प्रदान करें। मैं वादा करती हूँ कि आप निराश नहीं होंगे।
सधन्यवाद
भवदीया
क्ष.त्र.ज्ञ.
क.ख.ग. नगर
दिनांक - 12 मार्च 2015

16.                                                              अ.ब.स. विद्यालय
सूचना

तिथि: 12 मार्च 2015
विषय: 'नेत्र चिकित्सा शिविर'

स्थानीय जनता को यह सूचित किया जाता है कि अ.ब.स. विद्यालय में नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया है।
शुल्क: निःशुल्क
दिनांक: 16 मार्च 2015 से 22 मार्च 2015
समय: सुबह 7 बजे से शाम 4 तक
सम्पर्क करें: क्ष.त्र.ज्ञ.
फोन नं: 99xxxxxxxx

17. (मेरा मित्र और मैं बाग़ में बैठे हैं। हमारे बीच हो रही बातचीत।)
मैं: आजकल जिसे देखो हाथ में मोबाइल लेकर घूमता है।
मित्र: सही कहा। मेरी कामवाली से लेकर मेरे बॉस तक, सबके पास मोबाइल है।
मैं: आखिर मोबाइल इतना लाभदायक जो है। संदेश पहुँचाने का बढ़िया साधन है।
मित्र: संदेश ही नहीं, गीत सुनने, खेल खेलने, इंटरनेट का प्रयोग करने, तस्वीर खींचने में भी तो मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं।
मैं: पर मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उसमें से निकलते सिग्नल दिमाग को हानि पहुँचाते हैं।
मित्र: सो तो है। अरे ! यह देखो, मोबाइल की बात की और मेरा मोबाइल बजने लगा है।
मैं: (हँसती हूँ) हाहा!!

18.
Question Number 18 Solution

Monday, 25 January 2016

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 7 Changing Cultural Traditions History

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 7 Changing Cultural Traditions History

Page No: 167

Exercises

Answer in brief

1. Which elements of Greek and Roman culture were revived in the fourteenth and fifteenth centuries?

Answer

The religious, artistic and literary elements of Greek and roman culture were revived in 14th and 15th centuries.

2. Compare details of Italian architecture of this period with Islamic architecture.

Answer

Comparison is given below:
(i) Both styles took care of decoration.
(ii) Beautiful buildings were constructed under the patronage of both styles.
(iii) Arch and pillars were the key features of both the styles.
(iv) Under the patronage of Italian architecture style beautiful catherdrals and monasteries were constructed while large and magnificent mosques were constructed under the Islamic style of architecture.

3. Why were Italian towns the first to experience the ideas of humanism?

Answer

The towns of Italy were the first to experience the ideas of humanism because of the following reasons:
(i) Education spread in Italy by 13th and 14th centuries.
(ii) A number of classical books were composed by roman and Greek scholars.
(iii) Universities were first of all developed here to spread education.
(iv) Humanism as a subject was first taught in Italian schools, colleges and universities. Italian people were made aware of humanist views and ideas.

4. What was the function of medieval monasteries?

Answer

Venice was free from the influence of the church and feudal lords. Here i.e, in Venice, bankers and rich merchants played a significant role in governing the city while there was absolute monarchy in France. The common people were deprived of rights.

Answer in Short Essay

5. Imagine and describe a day in the life of a craftsman in a medieval French town.

Answer

Main features of humanist thought are given below:
(i) Ideal life for human beings.
(ii) Encouraging dignity of human beings.
(iii) Proclamation of freedom of the individual.
(iv) Stress on physical pleasure or material pleasure for human.
(v) The humanist thought laid stress on freedom of human life from control of religion.

6. Compare the conditions of life for a French serf and a Roman slave.

Answer

(i) In cities and towns many artists , scholars and writers were patronized by aristocrates.
(ii) Towns become the centre of art and learning  activities.
(iii) Towns begin to enjoy the status of autonomy from  the kings.
(iv) Urban culture developed with the beginning of cities.
(v) Towns and cities begin to flourish on European landscape.

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Sunday, 24 January 2016

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 6 The Three Orders History

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 6 The Three Orders History

Page No: 122

Exercises

Answer in brief

1. Describe two features of early feudal society in France.

Answer

Two features of early feudal society:
(i) The lord enjoyed special status. His order was supreme. Nobody could deny his order.
(ii) It was based on the lord peasants relationship. The peasants offered labour in the service of the service of their lord.
(iii) Early society was divided into three  orders .These order were the priests, nobles and the peasants. In reality the nobility played a very dominating role in the society.

2. How did long-term changes in population levels affect economy and society in Europe?

Answer

Long term changes in population levels affected the economy and society:
(i) A number or towns came into being. They also became the centre of trade and commerce. Society became more advanced and civilized.
(ii) This change brought about new changes in agricultural production. Production reached at its peak. Good quality of goods was also produced .It increased the life expectancy rate.

3. Why did knights become a distinct group, and when did they decline?

Answer

Local wars became the common feature of the European society during the 9th century. There was also a shortage of trained cavalry for these wars. The adroit horsemen were the need of the hour to win these localized wars among the nobles feudal. Taking the advantage of this situation, the knights became a distinct group precisely for the achieving this aim. The fall of feudal power paved the way for the way for the decline of knight during the 15th century.

4. What was the function of medieval monasteries?

Answer

The places where few religious figures preferred to live during middle age Europe were as monasteries. The function of the medieval monasteries was:
(i) The monasteries also inspired the people to donate.
(ii) They also inspired the people to serve the sick.
(iii)They encourage to develop art and architecture.
(iv) The people living in monasteries inspired the people to lead a simple life.

Answer in Short Essay

5. Imagine and describe a day in the life of a craftsman in a medieval French town.

Answer

Students are advised to answer this question with the help of their teacher. Following guidelines are given to  complete this task.
(a) Trading guilds controlled and supervised their activities and took great care of their needs.
(b) Craftsmen worked under the supervision of guilds. They were skilled persons.

6. Compare the conditions of life for a French serf and a Roman slave.

Answer

French serf:
They cultivated land that mainly belonged to the lord. Most of the produce from these lands were to given to the lord. The lord could decide their fate. As a whole their life was full of misery. They also had to work that belonged to the lord and most of the wages. They could not leave the estate without the prior permission of their master/lord and could not marry their child according to their wishes. They also had to work that belonged exclusively to the land and were given no wages.

Roman Slave:
Roman slaves were regarded as a form of property. They were treated as object or commodity which could be bought and sold in market. They have no right and identity of their own. They were forced to do work several hours. They were forced to produce more children, so that when they grew up, they could also made slaves.

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Saturday, 23 January 2016

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 5 Nomadic Empires History

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 5 Nomadic Empires History

Page No: 122

Exercises

Answer in brief

1. Why was trade so significant to the Mongols?

Answer

(i) The region which was occupied by Mongols lacked natural resources. The steppe region of  central Asia had extreme climate.
(ii) Cultivation of food was not  possible there, only trade could help their survival.
(iii) The Mongols were forced to trade as the scanty resources of the steppes did not help cultivation.So the Mongols traded with neighbouring countries and it was beneficial for both parties.

2. Why did Genghis Khan feel the need to fragment the Mongol tribes into new social and military groupings?

Answer

Genghis khan felt the need of fragmentation of  the Mongol tribes into new social and military groupings on account of the following reasons:
(i) Mongols were their own separate identities and were the inhabitants of the steppe region. Genghis khan wanted to bring then in contact with other tribals through social grouping or ties like mirage with other tribal communities.
(ii) Mongols were very brave taking the advantage of their bravery Genghis  Khan organized them into military groups and established a formidable empire.

3. How do later Mongol reflections on the yasa bring out the uneasy relationship they had with the memory of Genghis Khan.

Answer

Yasa were the rules and regulations. These were approved by Quritali during Genghis Khan’s reign. These rules were mainly concerned with Mongol army, hunting, postage system, social ladder, etc. They were compilation of traditions and customs that prevailed in Mongol tribal society itself.

4. ‘If history relies upon written records produced by city-based literati, nomadic societies will always receive a hostile representation.’ Would you agree with this statement? Does it explain the reason why Persian chronicles produced such inflated figures of casualties resulting from Mongol campaigns?

Answer

Yes, I agree with the statement .I give the following reasons for my view:
(i) Persian chronicles produced inflated figures of casualties resulting from Mongol campaigns to prove their cruelty or to prove them as cruel assassins.
(ii) There were vast difference between The secret society of Mongol and macro polo’s Travelogues in terms of event and their descriptions.
(iii) Being the transcontinental span of Mongol empire, the sources were written in different languages.

Answer in Essay

5. Keeping the nomadic element of the Mongol and Bedouin societies in mind, how, in your opinion, did their respective historical experiences differ? What explanations would you suggest account for these differences?

Answer

The steep dwellers themselves usually produced no literature , so our knowledge of nomadic societies under Mongol are quite different and the Italian and Latin version of Marco Polo’s travels to the Mongol court  do not match. Since the Mongol produce little literature of their own and were instead ‘Written about’ by literati from foreign cultural milieus, historians have to often double as philologist to pick out the meanings of phrases for their closest approximation to Mongol usage. The work of scholars like Igor de Rachewiltz on 'The secret of History' of the Mongol and Gerhard Doerfer on Mongol and Turki terminologies that infiltrated  into the Persian language brings out the difficulties involved in studying the history of the central Asian nomads . As we will notice through the remainder of this chapter, despite their incredible achievement there is much about Genghis khan and the Mongol world empire still awaiting the diligent scholar’s scrutiny.

6. How does the following account enlarge upon the character of the Pax Mongolica created by the Mongols by the middle of the thirteenth century?

Answer

The above account depicts the character of the Pax  Mongolica by the middle of the 13th century.
(i) Mongol rulers were not fanatics and anxious to get the blessings of all the people. They recruited administrators and armed forces from people of all ethnic groups and religions. There was a multilingual, multi- religious regime that did not feel threatened by its pluralistic constitution.
(ii) It became clear from the above incident that the French MONARCH LOUIES iX had sent his ambassador William of Rubruck to Karakorum , the capital of Mongke in 1254 this depicts that Mongols rulers had established a well-knit with their neighbours.
(iii) Gaillaume Boucher provide that Mongol rulers lived with great pomp and show and they had brought servants  to serve them from different parts of the world .They were paid good salaries . That is why they reached to serve Mongol court from far away.

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Thursday, 21 January 2016

उपसर्ग - हिंदी व्याकरण Class 9th

उपसर्ग - हिंदी व्याकरण Class 9th Course -'B'

उपसर्ग

जो शब्दांश किसी शब्द के पहले लगकर उसके अर्थ में विशेषता लाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। जैसे - अप + व्यय  = अपव्यय।

• उपसर्गों का स्वतंत्र रूप में कोई महत्व नहीं होता परन्तु जब ये किसी शब्द के आगे लगाए जाते हैं तो उनके अर्थ को विशेष रूप देते हैं।

• हिंदी में संस्कृत, हिंदी और उर्दू भाषा के उपसर्गों का प्रयोग होता है।

संस्कृत के उपसर्ग

उपसर्ग
अर्थ 
शब्द
अभाव, नहीं, विपरीत, नहींअधर, अपलक, अटल, अमर, अचल 
अभाव, नहीं, विपरीत, नहींआगमन, आजीवन, आमरण, आचरण
अन्निषेधअनमोल, अनपढ़, अनजान, अनेक
अधिसमीप, श्रेष्ठ, ऊपरअधिकार, अधिसूचना, अधिपति, अधिकरण
अप अभाव, हीन, विपरीत, छोटाअपयश, अपमान, अपशब्द, अपराध
अतिज्यादा, ऊपरअतिरिक्त, अतिक्रमण, अत्याचार, 
अनुक्रम, समान, पीछेअनुक्रमांक, अनुकंपा, अनुज, अनुरूप, अनुपात
अवहीन, अनादर, नीचाअवगत, अवधारणा, अवशेष, अवस्था
अभिसमीप, ओरअभियान, अभिज्ञान, अभिशाप, अभिभावक
उपछोटा, निकट, गौण, सहायकउपकरण, उपनिवेश, उपकार, उपनाम
उत्श्रेष्ठ, ऊपरउत्थान, उत्कर्ष, उत्पन्न, उत्तम
चिरबहुत, अनंतचिरायु, चिरंतन, चिरंजीवी
तत्समानतत्काल, तत्सम, तत्पर
दुर्बुरा, कठिन, दुष्टदुर्लभ, दुर्जन, दुर्बल, दुर्भाग्य, दुर्गुण 
निभीतर, निषेध, नीचे, अधिकनियुक्त, निवास, निषेध, निदान, निबंध
निर्रहित, निषेध, बाहरनिर्वाह, निर्मूल, निर्दोष, निर्भय, निर्वास
निस्रहित, पूरानिश्चित, निश्चल, निस्तार, निस्सार
पराउल्टा, नाश, अत्यधिकपराजय, परामर्श, पराक्रम, पराधीन
परिचारों ओर, आसपास, पूर्णपरिवार, परिणाम, परिभाषा, परिधि
प्रअधिक, ऊपर, आगेप्रक्रिया, प्रवाह, प्रयत्न, प्रख्यात, प्रकाश
प्रतिप्रत्येक, विरोध, सामनेप्रतिक्षण, प्रतिध्वनि, प्रतिकूल, प्रत्येक
विभिन्न, विशेषता, असमानविदेश, विकास, विवाद, विभाग
सम्संयोग, पूर्णतासंग्रह, संयोग, संस्कार, संहार
सुअच्छा, सुंदर, सहजसुगम, सुयश, सुलभ, सुदूर 
स्वअपनास्वरोजगार, स्वतंत्र, स्वभाव

हिंदी के उपसर्ग

उपसर्ग
अर्थ
शब्द
अधआधाअधमरा, अधखिला, अधपका
अभाव, रहितउदर, उजड़ा, उधर
उनएक कमउन्नीस, उनचास, उनसठ
निषेध, हीनताऔसर, औगुन, औढर
कुहीन, बुराकुपुत्र, कुख्यात, कुकर्म, कुचाल
दुहीन, बुरादुसाध्य, दुबला, दुधारू
बिननिषेधबिनदेखा, बिनबोया, बिनखाया 
भरठीक, पूराभरपूर, भरपेट, भरमार
परदूसरा, बाद कापरलोक, परोपकार, परहित

उर्दू के उपसर्ग

उपसर्ग
अर्थ
शब्द
अलनिश्चितअलग़रज़, अलबत्ता 
कमथोड़ाकमजोर, कमउम्र, कमबख्त 
खुशअच्छाखुशनसीब, खुशहाल, खुशकिस्मत, खुशदिल 
गैरनिषेधगैरहाजिर, गैरक़ानूनी, गैरसरकारी 
दरमेंदरकार, दरबार, दरमियान
नाअभावनालायक, नासमझ, नाबालिग
बदबुराबदतर, बदनाम, बदकिस्मत
बरबाहर, ऊपरबरखास्त, बरदाश्त, बरबाद
बेबिनाबेवक्त, बेझिझक, बेवकूफ, बेइज्जत
लाबिनालाजवाब, लापता, लाचार, लावारिस
हर प्रत्येकहरदम, हरवक्त, हरपल, हरदिन
हमसमानहमसफ़र, हमदर्द, हमशक्ल

पाठ्य-पुस्तक 'स्पर्श-I' में प्रयुक्त उपसर्ग वाले शब्द

धूल

• प्रसाधन = प्र + साधन
• अभिजात = अभि + जात
• संसर्ग = सम् + सर्ग
• दुर्भाग्य = दुर् + भाग्य
• दुर्लभ = दुर् + लभ
• निर्द्वंद्व = निर् + द्वंद्व
• उपमान = उप + मान
• अमर = अ + मर
• संचालन = सम् + चालन
• अटूट = अ + टूट
• प्रवास = प्र + वास
• संस्कृति = सम् + कृति
• अनावश्यक = अन् + आवश्यक

दुःख का अधिकार 

• विभिन्न = वि + भिन्न
• परिस्थिति = परि + स्थिति
• अनुभूति = अनु + भूति
• बेहया = बे + हया
• निर्वाह = निर् + वाह
• विश्राम = वि + श्राम
• परलोक = पर + लोक
• संभ्रांत = सम् + भ्रांत
• वियोग = वि + योग
• अधिकार = अधि + कार

एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा

• अभियान = अभि + यान
• दुर्गम = दुर् + गम
• विशेष = वि + शेष
• विचित्र = वि + चित्र
• अवसाद = अव + साद
• उपनेता = उप + नेता
• अवगत = अव + गत
• अनियमित = अ + नियमित
• अनुकूल = अनु + कूल
• अव्यवस्थित = अ + व्यवस्थित
• संपूर्ण = सम् + पूर्ण
• प्रतिदिन = प्रति + दिन
• आरोही = आ + रोही
• अस्थायी = अ + स्थायी
• उपयोग = उप + योग
• अभियांत्रिक = अभि + यांत्रिक
• सुपुत्री = सु + पुत्री
• परिचय = परि + चय
• प्रत्येक = प्रति + एक
• अत्यंत = अति + अंत
• सुरक्षा = सु + रक्षा
• आरोहण = आ + रोहण
• आपूर्ति = आ + पूर्ति
• सपाट = स + पाट
• संसार = सम् + सार

तुम कब जाओगे, अतिथि

• अतिथि = अ + तिथि
• निस्संकोच = निस् + संकोच
• विगत = वि + गत
• संभावना = सम् + भावना
• अज्ञात = अ + ज्ञात
• आशंका = आ + शंका
• बावजूद = बा + वजूद
• आग्रह = आ + ग्रह
• सत्कार = सत् + कार
• प्रदान = प्र + दान
• आघात = आ + घात
• अप्रत्याशित = अ + प्रत्याशित
• अनुमान = अनु + मान
• विश्वास = वि + श्वास
• निर्मूल = निर् + मूल
• स्वरुप = स्व + रूप
• अदृश्य = अ + दृश्य
• सपरिवार = स + परिवार
• उपवास = उप + वास
• संक्रमण = सम् + क्रमण
• आगमन = आ + गमन

वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन्

• विराट = वि + राट
• असंख्य = अ + संख्य
• उपस्थित = उप + स्थित
• प्रकृति = प्र + कृति
• सशक्त = स + शक्त
• विज्ञान = वि + ज्ञान
• बेचैन = बे + चैन
• सुयोग्य = सु + योग्य
• उपकरण = उप + करण
• आधार = आ + धार
• विदेशी = वि + देशी
• परिवर्तन = परि + वर्तन
• परिमाण = परि + माण
• समान = स + मान
• परिणाम = परि + णाम
• प्रमाण = प्र + माण
• सम्मान = सम् + मान
• अक्षुण्ण = अ + क्षुण्ण
• प्रसिद्धि = प्र + सिद्धि
• प्रदर्शन = प्र + दर्शन
• परिहास = परि + हास
• संस्थान = सम् + स्थान
• अनुसंधान = अनु + संधान
• प्रचार = प्र + चार
• प्रसार = प्र + सार
• संपादन = सम् + पादन
• विभिन्न = वि + भिन्न

कीचड़ का काव्य 

• उत्तम = उत् + तम

धर्म की आड़

•  उबल = उ + बल
• उत्साह = उत् + साह
• दुरूपयोग = दुर् + उपयोग
• सुगम = सु + गम
• बेचारा = बे + चारा
• उद्योग = उत् + योग
• निःसंदेह = निस् + संदेह
• संग्राम = सम् + ग्राम
• प्रपंच = प्र + पंच
• उत्पात = उत् + पात
• आचरण = आ + चरण
• सदाचार = सत् + आ + चार
• लामज़हब = ला + मज़हब

शुक्रतारे के समान

• परिचय = परि + चय
• अनुभव = अनु + भव
• अत्याचार = अति + चार
• निडर = नि + डर
• बेजोड़ = बे + जोड़
• संपादक = सम् + पादक
• विवरण = वि + वरण
• आग्रह = आ + ग्रह
• विवाद = वि + वाद
• अनुवाद = अनु + वाद
• उसाँस = उ + साँस
• प्रवचन = प्र + वचन
• प्रतिनिधि = प्रति + निधि
• संगठन = सम् + गठन
• उपकारी = उप + कारी
• अनवरत = अन् + वरत
• प्रसंग = प्र + संग
• अकाल = अ + काल

पाठ्य-पुस्तक 'संचयन-I' में प्रयुक्त उपसर्ग वाले शब्द

गिल्लू


• सघन = स + घन
• विचित्र = वि + चित्र
• अवतीर्ण = अव + तीर्ण
• अवमानना = अव + मानना
• प्रयुक्त = प्र + युक्त
• सुलभ = सु + लभ
• परिचारिका = परि + चारिका
• विवेचन = वि + वेचन
• निश्चेष्ट = निस् + चेष्ट
• उपचार = उप + चार
• अतिरिक्त = अति + रिक्त
• अपवाद = अप + वाद
• प्रयुक्त = प्र + युक्त
• प्रभात = प्र + भात
• प्रयुक्त = प्र + युक्त
• विश्वास = वि + श्वास

स्मृति

• प्रारंभ = प्र + आरंभ
• आशंका = आ + शंका
• प्रकोप = प्र + कोप
• प्रतिवर्ष = प्रति + वर्ष
• सजीव = स + जीव
• प्रतिध्वनि = प्रति + ध्वनि
• संसार = सम् + सार
• दुधारी = दो + धारी
• संकल्प = सम् + कल्प
• निर्भर = निर् + भर
• विश्वास = वि + श्वास
• प्रतीक्षा = प्रति +  ईक्षा
• प्रतिद्वंदी = प्रति + द्वंदी
• समकोण = सम् + कोण
• सम्मुख = सम् + मुख
• आक्रमण = आ + क्रमण
• विचार = वि +चार
• असंभावना = अ + संभावना
• बेहाल = बे + हाल

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी

• विक्षिप्त = वि + क्षिप्त
• प्रकृति = प्र + कृति
• अवैध = अ + वैध
• असाधारण = अ + साधारण
• प्रवास = प्र + वास
• असंतोष = अ + संतोष
• सफल = स + फल
• बहुधार्मिक = बहु + धार्मिक
• उन्नीस = उन् + नीस
• प्रसिद्ध = प्र + सिद्ध
• अनुरोध = अनु + रोध
• निरक्षर = निर् + अक्षर
• अछूत = अ + छूत
• प्रवेश = प्र + वेश
• सुरक्षा = सु + रक्षा
• आकृष्ट = आ + कृष्ट
• निर्यात = निर् + आयात

मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय

• प्रतिशत = प्रति + शत
• संकलन = सम् + कलन
• सुसज्जित = सु + सज्जित
• नासमझ = ना + समझ
• परिश्रम = परि + श्रम
• अनुपात = अनु + पात
• अनिच्छा = अन् + इच्छा
• नापसंद = ना + पसंद
• विक्रेता = वि + क्रेता
• पुनर्जीवन = पुनः + जीवन

हामिद खाँ

• बदबू = बद + बू
• अलमस्त = अल + मस्त
• अधेड़ = अ + धेड़
• बेखटके = बे + खटके
• निर्माण = निर् + माण

दिए जल उठे

• संक्षिप्त = सम् + क्षिप्त
• प्रतिक्रिया = प्रति + क्रिया
• अभिव्यक्त्ति = अभि + व्यक्ति
• उल्लेख = उत् + लेख
• स्वागत = स्व + आगत
• स्वराज = स्व + राज

Tuesday, 19 January 2016

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 4 The Central Islamic Lands History

NCERT Solutions for Class 11th: Ch 4 The Central Islamic Lands History

Page No: 103

Exercises

Answer in brief

1. What were the features of the lives of the Bedouins in the early seventh century?

Answer

The  Bedouins were Arab tribes . The main features of their lives are as follows:
• Their social organization was based  on independent tribes.
• They were camel pastoralists and moved with their animals from oases to oases.
• Date palm and camel milk were their main diet.
• They indulged in looting , plundering and internal quarrels.
• They led a nomadic  life.

2. What is meant by the term ‘Abbasid revolution’?

Answer

The term “ Abbasid Revolution” referred to  the  Dawa movement. This movement was initiated by Abu Muslim from Khurasan against the  Umayyad dynasty . The Abbasid revolution put an end to the Umayyad dynasty . By overthrowing Umayyadies the Abbasid dynasty came into throne in 750 CE.

3. Give examples of the cosmopolitan character of the states set up by Arabs, Iranians and Turks.

Answer

Examples of cosmopolitan characters of the states set up by Arabs, Iranians and Turks:
(i) The vast Arab empire was inhabited  by the people of multi cultural identities ,e.g.- the Muslims, the Christians and the Jews.
(ii) In Turkish empire, the Egyptian , Iranian, Syrian , Sudanian, cultural developed simultaneously.
(iii) The Iranian empire witnessed for the development of Muslims and Asian cultural.

4. What were the effects of the Crusades on Europe and Asia?

Answer

(i) The crusades left a deep impact on the aspects of Christian-Muslim relations.
(ii) Influence of crusades led  to declination  of mercantile which paved the way for the emergence of nation states.
(iii) The Muslims states adopted harsher  attitude towards their Christian attitudes.
(iv) The crusades left a deep impact on the aspects of Christian-Muslim relations.
(v) The Muslim writers named their  invasion (invasion of Christian) as Frankish invasion who quickly established their influences over these regions.
(vi) In the first crusade, soldiers from France and Italy captured  Antioch in Syria and also claimed Jerusalem. Their  victory marked by slaughter of Muslims and Jews.

Answer in Short Essay

5. How were Islamic architectural forms different from those of the Roman Empire?

Answer

• Roman Empire Architectural Forms: The Romans emperors were great builders . solidity and magnificence of conception are two important features of their architecture e.g- city of Rome.
(i)They introduced two architecture  features, the arch and cupolas or domes.
(ii) Art of painting murals was highly developed so much so that some of their murals practically covered the whole wall.
(iii) Their buildings were multistoried with one row of arches standing over another, examples- Pompeys Theatre.
(iv) Inventors of concrete and could firmly cement, bricks and stones together ,examples- pantheon.

2.Islamic Architectural Forms:
(i) The Islamic art right forms  Spain to central Asia showed some basic architectural features horseshoe arches, bulbous domes ,small minarets, twisted columns and open courtyard.
(ii ) Religious buildings – mosques, shrines and tomb were the greatest architectural symbols of this world.
(iii) Another features was decorative forms of writing e.g.- calligraphy and arabesque i.e geometric and vegetal designs, to decorate architecture, and manuscripts.
(iv) The places were modeled on romans and sasanian architectural features e.g.-palace at Baghdad. They were richly decorated with sculptures, mosaics and paintings.

6. Describe a journey from Samarqand to Damascus, referring to the cities on the route.

Answer

Refer to NCERT Page No. 82


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Sunday, 17 January 2016

Social and Political Life- Class 6th NCERT Solutions Civics

Social and Political Life Class 6th NCERT Solutions of Civics

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