NCERT Solutions for Class 6th: पाठ 11- जो देखकर भी नहीं देखते हिंदी वसंत भाग-I
हेलेन केलर
प्रश्न अभ्यास
पृष्ठ संख्या: 104
निबंध से
उत्तर
लोगों के पास जो चीज़ उपलब्ध होती है, उसका उपयोग वे नहीं करते इसलिए हेलेन केलर को ऐसा लगता है कि जिन लोगों के पास आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम देखते हैं।
उत्तर
पृष्ठ संख्या: 105
उत्तर
उत्तर
उत्तर
इन पंक्तियों में हेलेन केलर ने जिंदगी में आँखों के महत्व को बताया है। वह कहती हैं की आँखों के सहयोग से हम अपने जिंदगी को खुशियों के रंग-बिरंगे रंगों से रंग सकते हैं।
निबंध से आगे
1. कान से न सुनने पर आस पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और साथियों के साथ विचार करो।
1. कान से न सुनने पर आस पास की दुनिया कैसी लगती होगी? इस पर टिप्पणी लिखो और साथियों के साथ विचार करो।
उत्तर
कान से न सुनने पर आस पास की दुनिया एकदम शांत लगती होगी। हम दूसरों की बातों को सुन नहीं पाते। केवल चीज़ों को देखकर हम उन्हें समझने का प्रयास कर सकते हैं।
उत्तर
चाय की गर्माहट, बर्फ़ की ठंडक, घास की नरमी, कपडे का गीलापन
सुनना, चखना, सूँघना, छूना।
उत्तर
सुनना - संगीत सुनना, पक्षियों की चहचाहट, पशुओं की आवाज़
चखना- तीखापन, मिठास, नमकीन
सूँघना- फूल, इत्र का सुगंध, कीचड़ का दुर्गन्ध,
छूना- गर्म, नरम, ठंडा, मुलायम
पृष्ठ संख्या: 106
भाषा की बात
चिकना, चिपचिपा, मुलायम, खुरदरा, लिजलिजा, ऊबड़-खाबड़, सख्त, भुरभुरा।
उत्तर
चिकना - कपडा
चिपचिपा - गोंद
मुलायम - रुई
खुरदरा - घड़ा
लिजलिजा - शहद
ऊबड़-खाबड़ - सड़क
सख्त - पत्थर
भुरभुरा - गुड़
पृष्ठ संख्या: 107
रेखांकित संज्ञाएँ क्रमश: किसी भाव और किसी की विशेषता के बारे में बता रही हैं। ऐसी संज्ञाएँ भाववाचक कहलाती हैं। गुण और भाव के अलावा भाववाचक संज्ञाओं का संबंध किसी की दशा और किसी कार्य से भी होता है। भाववाचक संज्ञा की पहचान यह है कि इससे जुड़े शब्दों को हम सिर्फ़ महसूस कर सकते हैं, देख या छू नहीं सकते। नीचे लिखी भाववाचक संज्ञाओं को पढ़ों और समझो। इनमें से कुछ शब्द संज्ञा और कुछ क्रिया से बने हैं। उन्हें भी पहचानकर लिखो -
मिठास, भूख, शांति, भोलापन, बुढ़ापा, घबराहट, बहाव, फुर्ती, ताजगी, क्रोध, मज़दूरी।
उत्तर
क्रिया से बनी भाववाचक संज्ञा - घबराना से घबराहट, बहाना से बहाव
विशेषण से बनी भाववाचक संज्ञा - बूढ़ा से बुढ़ापा, ताजा से ताजगी, भूखा से भूख, शांत से शान्ति, मीठा से मिठास, भोला से भोलापन
जातिवाचक संज्ञा से बनी भाववाचक संज्ञा - मजदुर से मजदूरी
भाववाचक संज्ञा - क्रोध और फुर्ती शब्द भाववाचक संज्ञा शब्द है।
उस बगीचे में अमलतास, सेमल, कजरी आदि तरह-तरह के पेड़ थे।
ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्द देखने में मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ भिन्न हैं। नीचे ऐसे कुछ और समरूपी शब्द दिए गए हैं। वाक्य बनाकर उनका अर्थ स्पष्ट करो -
अवधि - अवधी, में - मैं, मेल - मैला, ओर - और, दिन - दीन, सिल - सील।
उत्तर
अवधि - यह पैसा दो महीने की अवधि में लौटना है।
अवधी - कवि तुलसीदास ने अवधी भाषा में कई ग्रन्थ लिखें हैं।
में - चाय में चीनी डाल दो।
मैं - मैं तुमसे दुःखी हूँ।
मेल - दोनों भाइयों में कोई मेल नही है।
मैला - यह कपड़ा मैला हो गया है।
ओर - उसकी ओर इशारा मत करो।
और - मुझे कलम और कागज़ दो।
दिन - राम चार दिनों से काम से गायब है
दीन - रामू बहुत दीन है।
सिल - सिल पर पिसे मसालों को लाओ।
सील - इस बोतल की सील तोड़ो।
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