NCERT Solutions for Class 6th: पाठ 13 - मैं सबसे छोटी होऊँ हिंदी वसंत भाग-I
सुमित्रानंदन पंत
पृष्ठ संख्या: 118
प्रश्न अभ्यास
कविता से
उत्तर
उत्तर
उत्तर
हाथ पकड़ फिर सदा हमारे
साथ नहीं फिरती दिन-रात!
उत्तर
इन पंक्तियों का आशय है कि बड़े होने पर बचपन की तरह माँ हमारे साथ नहीं चलतीं। उनसे हमारा रिश्ता छूट जाता है।
कविता से आगे
5. कविता से पता करके लिखो कि माँ बच्चों के लिए क्या-क्या काम करती है? तुम स्वयं सोचकर यह भी लिखो कि बच्चों को माँ के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
कविता से आगे
5. कविता से पता करके लिखो कि माँ बच्चों के लिए क्या-क्या काम करती है? तुम स्वयं सोचकर यह भी लिखो कि बच्चों को माँ के लिए क्या-क्या करना चाहिए?
उत्तर
कविता के अनुसार माँ बच्चों को गोद में सुलाती हैं, अपने आँचल के साये में रखती हैं, हाथ पकड़कर चलना सिखाती हैं, खिलाती हैं, सजाती हैं तथा परियों की कहानियाँ सुनाने आदि का काम करती हैं।
बच्चों को भी अपनी माँ की बातों को मानना चाहिए, उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए और उन्हें दुःख नहीं पहुँचाना चाहिए।
2. बच्चों को प्राय: सभी क्षेत्रों में बड़ा होने के लिए कहा जाता है। इस कविता में बालिका सबसे छोटी बनी रहनाक्यों चाहती है?
बच्चों को भी अपनी माँ की बातों को मानना चाहिए, उन्हें परेशान नहीं करना चाहिए और उन्हें दुःख नहीं पहुँचाना चाहिए।
2. बच्चों को प्राय: सभी क्षेत्रों में बड़ा होने के लिए कहा जाता है। इस कविता में बालिका सबसे छोटी बनी रहनाक्यों चाहती है?
उत्तर
इस कविता में बालिका सबसे छोटी बनी रहना इसलिए चाहती हैं ताकि उसे हमेशा अपनी माँ का प्यार मिलता रहे। वो सदा अपनी माँ के आँचल में निर्भय और सुरक्षित रहे।
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भाषा की बात
छोड़, बना, फिर, खिला, पोंछ, थमा, सुना, कह, दिखा, छिपा।
उत्तर
छोड़ (छोड़कर) - घर का सारा काम छोड़कर तुम बात करने में लगे हो।
बना (बनाकर) - रोहित ने चाय बनाकर पिलाया।
फिर (फिरकर) - तुम थोड़ी देर घूम-फिरकर आओ।
खिला (खिलाकर) - तुम्हें खिलाकर ही मैं खाऊँगा।
पोंछ (पोंछकर) - मोहित ने सामान को पोंछकर रखा था।
थमा (थमाकर) - इतना भारी सामान थमाकर वह भाग गया।
सुना (सुनाकर) - नानी मुझे कहानी सुनाकर सुलाया करती हैं।
कह (कहकर) - मैंने उसे तुम्हारी बात कहकर ही उसे पुस्तक दी।
दिखा (दिखाकर) - तुम्हें दिखाकर मैं हर काम नहीं करूँगा।
छिपा (छिपाकर) - हमें बड़ों से छिपाकर कोई काम नहीं करना चाहिए।
हाथ, सदा, मुख, माता, स्नेह।
उत्तर
हाथ - कर, हस्त
सदा - हमेशा, सर्वदा
मुख - मुँह, आनन
माता - माँ, जननी
स्नेह - प्यार, प्रेम
उत्तर
जीवन-मरण - जीवन-मरण तो इस जीवन का अहम हिस्सा है।
सुख-दुःख - जीवन में सुख-दुःख निरंतर चलते रहते हैं।
उल्टा-सीधा - तुम्हे कोई भी उल्टा-सीधा काम नहीं करना चाहिए।
लाभ-हानि - हर काम करने से पहले हमें उसके लाभ-हानि के बारे में सोचना चाहिए।
मित्र-शत्रु - मोहित को मित्र-शत्रु की पहचान नहीं है।
उत्तर
निश्छल
निकम्मा
निर्बल
निर्गुण
निराकार
उत्तर
मैं सबसे छोटी होऊँ,
तेरी गोदी में सोऊँ,
तेरा अंचल पकड़-पकड़कर,
फिरूँ सदा माँ! तेरे साथ,
मैं सबसे छोटी होना चाहती हूँ ताकि मैं तेरी गोदी में सो पाऊँ। तेरा आँचल पकड़कर माँ मैं तुम्हारे साथ फिरना चाहती हूँ।
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