Sunday 31 January 2016

संकलित परीक्षा - II 2014 हिंदी 'ब' Previous Year Question Paper| Class 10th

Previous Year Question Paper of Hindi Course 'B' Class 10th Summative Assessment II 2014

निर्धारित समय: 3 घंटे
अधिकतम अंक: 90

खंड - क

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                                 (1×5=5)

यह एक सर्वविदित सत्य तथ्य है कि मानवीय गुणों का अधिकारिक विकास विपरीत परिस्थितियों में ही होता है। जीवन में सर्वत्र  उदाहरण भरे हुए हैं। कष्ट और पीड़ा आंतरिक वृत्तियों के परिशोधन के साथ ही एक ऐसी आंतरिक दृढ़ता को जन्म देते हैं जो मनुष्य को तप्त स्वर्ण की भाँति खरा बनाता है। विपत्तियों के पहाड़ टकराकर उसका बल बढ़ता है। हृदय में ऐसी अद्भुत वृत्ति का जन्म होता है कि एक बार कष्टों से जूझकर फिर वह उनको खेल समझने लगता है। उसके हृदय में विपत्तियों को ठोकर मारकर अपना मार्ग बना लेने की वीरता उत्पन्न हो जाती है। मन की भाँति ही शरीर की दृढ़ता शारीरिक श्रम के द्वारा आती है। शारीरिक परिश्रम उसके शरीर को बलिष्ठ बनाता है। विपत्तियों में तप कर दृढ़ हुए श्री की भाँति परिश्रम की अग्नि में तप कर शरीर का लौह इस्पात बन जाता है। जब एक शायर कहा कि 'मुश्किलें इतनी पड़ीं मुझ पर की आसाँ हो गईं' , तो वह इस सत्य से परिचित था। चारित्रिक दृढ़ता के लिए जो कार्य आधिक्य करता है, शारीरिक दृढ़ता के लिए वही कार्य श्रम करता है। दोनों ही ऐसे हथौड़े हैं जो पीट-पीट कर शरीर और मन में इस्पाती दृढ़ता को जन्म देते हैं।

(i) विपरीत परिस्थितियाँ कारण हैं
(क) अनुकूल परिस्थितियाँ को रोकने की
(ख) समस्या-समाधान की
(ग) सामाजिक चुनौतियाँ स्वीकारने की
(घ) मानवीय गुणों के विकास की

(ii) मनुष्य को सोने जैसा शुद्ध बनाने में सहायक है
(क) शरीर की दृढ़ता
(ख) मन की दृढ़ता
(ग) आंतरिक वृत्ति
(घ) विपत्तियों से टकराव

(iii) विपत्तियों के बीच अपना मार्ग बना लेने की क्षमता कब उत्पन्न होती है?
(क) बाधाओं से बचकर
(ख) कष्टों से खेलकर
(ग) कष्टों से जूझकर
(घ) साधन-संपन्न बनकर

(iv) 'लोहा इस्पात बन जाता है' - कथन का आशय है
(क) दुर्बल सबल बन जाता है
(ख) बलहीन बलवान बन जाता है
(ग) सबल अतिसबल बन जाता है
(घ) निर्बल प्रबल बन जाता है

(v) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है
(क) मन और शरीर
(ख) मानसिक पीड़ा और शारीरिक कष्ट
(ग) मन और शरीर की दृढ़ता
(घ) मानव का विकास

2. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                                  (1×5=5)

नारी केवल कामिनी नहीं, जगद्धात्री भी है, अलंकरण-मात्र ही नहीं, समाज को जीवित बनाने वाली प्रेरणा शक्ति भी है। आज जनमानस इस दृष्टिकोण से वंचित है। नारी इतनी शक्तिहीन नहीं है। माता बनकर उसकी शक्ति परोक्षरूप में अपने बालकों के चरित्र-निर्माण में कार्य करती है। प्रियरूप में वह समस्त दया, करुणा, ममता और माधुर्य का उपहार देकर पुरुष को उसके कार्यक्षेत्र के लिए नई ऊर्जा प्रदान करती है। विद्या-बुद्धि में गार्गी तथा अपाला बनकर और शौर्य में लक्ष्मीबाई एवं चाँदबीबी बनकर उसने अपने तेजस्वी रूप का परिचय समय-समय पर दिया है। स्वदेश में ही नहीं, विदेश में भी ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं। जोन ऑफ़ आर्क ने एक साथ आत्मिक बल और शारीरिक बल के समन्वय से ऐसी ज्योति जलाई जो युगों-युगों तक उनका नाम अमर रखेगी। इतिहास के पन्ने इस बात के साक्षी हैं की नारी ने केवल चौक-चूल्हा ही नहीं सम्हाला, बल्कि आवश्यकता पडने पर घोड़े की पीठ पर चढ़कर रणक्षेत्र में भी वीरता का परिचय दिया। अपनी मर्यादा की रक्षा के लिए आततायी को धूल चटा दी।

(i) माता के रूप में नारी का महत्वपूर्ण कार्य है
(क) पालन-पोषण करना
(ख) परिवार सम्हालना
(ग) दया-ममता बिखेरना
(घ) चरित्र-निर्माण करना

(ii) नारी किस रूप में पुरुष को नई ऊर्जा प्रदान करती है?
(क) माता के रूप में
(ख) जगद्धात्री के रूप में
(ग) प्रिया के रूप में
(घ) दासी के रूप में

(iii) विद्या-बुद्धि में किन नारियों ने तेजस्वी रूप दिखाया है?
(क) लक्ष्मीबाई एवं चाँदबीबी
(ख) सीता और सावित्री
(ग) द्रौपदी और गांधारी
(घ) गार्गी और अपाला

(iv) नारियों ने आततायी को धूल क्यों चटाई?
(क) अपनी रक्षा के लिए
(ख) देश की रक्षा के लिए
(ग) मर्यादा की रक्षा के लिए
(घ) पति की रक्षा के लिए

(v) 'परोक्ष' शब्द का विपरीतार्थक शब्द है
(क) समक्ष
(ख) विपक्ष
(ग) प्रत्यक्ष
(घ) अप्रत्यक्ष

3. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                                   (1×5=5)

पहले से कुछ लिखा भाग्य में
         मनुज नई लाया है,
अपना सुख उसने अपने
         भुजबल से ही पाया है।

प्रकृति नहीं डर कर झुकती है
        कभी भाग्य के बल से,
सदा हारती वह मनुष्य के
        उधम से, श्रमजल से।

ब्रह्मा का अभिलेख -
        पढ़ा करते निरूद्यमी प्राणी
धोते वीर कु-अंक भाल का
        बहा भ्रुवों से पानी।

भाग्यवाद आवरण पाप का
       और शस्त्र शोषण का,
जिससे रखता दबा एक जन
       भाग दूसरे जन का।

पूछो किसी भाग्यवादी से,
       यदि विधि-अंक प्रबल है,
पद पर क्यों देती न स्वयं
       वसुधा निज रतन उगल है?

(i) मनुष्य को सुख प्राप्त होता है
(क) भाग्य के बल से
(ख) भुजाओं के बल से
(ग) विद्या-बल से
(घ) धन के बल से

(ii) कैसे लोग भाग्यवादी होते हैं?
(क) कायर
(ख) परिश्रमी
(ग) निरूद्यमी
(घ) आलसी

(iii) मनुष्य प्रकृति को हरा सकता है
(क) उद्यम और परिश्रम से
(ख) आतंक और भय से
(ग) उग्रता और शोषण से
(घ) भाग्य और पौरुष से

(iv) भाग्यवाद-रूपी हथियार से शोषक
(क) लोगों को भ्रमित करते हैं
(ख) दूसरों का हिस्सा दबाकर रखते हैं
(ग) क्रांति नहीं होने देते
(घ) अयाचार करते हैं

(v) काव्यांश का मूल संदेश है
(क) भाग्यवादियों को डराना
(ख) उद्यम और परिश्रम का महत्व बताना
(ग) वसुधा के रत्नों के बारे में बताना
(घ) वीरों के लक्षण बताना

4.  निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:                                                                                                               (1×5=5)

विध्नों का दल चढ़ आए तो, उन्हें देख भयभीत न होंगे,
अब न रहेंगे दलित दीन हम, कहीं किसी से हीन न होंगे,
क्षुद्र स्वार्थ की खातिर हम तो कभी न गर्हित कर्म करेंगे।
पुण्यभूमि यह भारतमाता, जग की हम तो भीख न लेंगे।
मिसरी-मधु-सेवा-फल सारे, देती हमको सदा यही है,
कदली, चावल, अन्न विविध औ' क्षीर सुधामय लूटा रही है।
आर्यभूमि उत्कर्षमयी यह, गूँजेगा यह गान हमारा।
कौन करेगा समता इसकी, महिमामय यह देश हमारा।।

(i) लोग निंदित कर्म क्यों करते हैं?
(क) दूसरों को सताने के लिए
(ख) छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए
(ग) दूसरों को पीछे छोड़ने के लिए
(घ) अपनी संपत्ति बढ़ाने के लिए

(ii) काम करते हुए लोग प्रायः डरते हैं
(क) शत्रुओं से
(ख) विध्न-बाधाओं से
(ग) क्षुद्र स्वार्थों से
(घ) सहायता न मिलने से

(iii) कोई देश हमारे देश से समता नहीं कर सकता क्योंकि हमारा देश
(क) विशाल है
(ख) शक्तिशाली है
(ग) संपन्न है
(घ) महिमावान् है

(iv) 'जग की हम तो भीख न लेंगे' का क्या भाव है?
(क) हम तो किसी से भीख नहीं माँगेंगे
(ख) हम बेसहारा हैं तो स्वाभिमानी भी हैं
(ग) सहायता के लिए विदेशियों के सामने हाथ नहीं फैलाएँगे
(घ) पराधीन रहकर भी हम स्वावलंबी बनेंगे

(v) कविता में भारत का विशेषण नहीं है
(क) महिमामय
(ख) गर्हित
(ग) उत्कर्षमय
(घ) पुण्यभूमि

खंड - ख

5. (क) निम्नलिखित में रेखांकित पदबंधों के प्रकार लिखिए:
(i) तुमने एकाएक इतना मधुर गाना क्यों छोड़ दिया?    (1)
(ii) गाँव में हर वर्ष पशु-पर्व का आयोजन होता है।          (1)

(ख) विग्रहपूर्वक समास का नाम लिखिए:                      (1)
विश्वसंगठन

(ग) समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए:          (1)
सुंदर हैं जो नयन

6. (क) निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का परिचय दीजिए:
(i) मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने लगी।          (1)
(ii) आंदोलनकारी शहर में प्रदर्शन कर रहे थे।                (1)
(iii) वे धीरे-धीरे सभास्थल की ओर बढ़ रहे थे।               (1)

(ख) संधि-विच्छेद कीजिए:                                           (1)
पुष्पोधान

7. (क) निर्देशानुसार उत्तर दीजिए:                                 (1×3=3)
(i) जब क्रांतिकारी ने झंडा गाड़ा तब पुलिस ने उसे पकड़ लिया। (वाक्य-भेद लिखिए)
(ii) आज झंडा फहराया जायेगा और प्रतिज्ञा पढ़ी जायेगी। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(iii) जब वे प्रतियोगता में भाग लेने गए तोबाहर रोक लिए गए। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) संधि कीजिए:                                                        (1)
धन + आगम

8. (क) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए:
(i) हमारा लक्ष्य देश की चहुँमुखी प्रगति होनी चाहिए।     (1)
(ii) केवल यहाँ दी पुस्तकें रखी हैं।                                  (1)
(iii) उसने आज घर में क्या करा?                                   (1)

(ख) संधि-विच्छेद कीजिए:                                             (1)
अत्यधिक

9. निम्नलिखित मुहावरों तथा लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए:                                                                             (1×4=4)
(i) हाथ फैलाना
(ii) राई का पर्वत करना
(iii) जाके पैर न फटी बिवाई सो क्या जाने पीर पराई
(iv) हाथ कंगन को आरसी क्या?

खंड - ग

10. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए:              (3×2=6)

(क) जापान में मानसिक रोग के क्या कारण हैं? आप इन कारणों से कहाँ तक सहमत हैं? 'झेन की देन' पाठ के आधार पर तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

(ख) मुवजा पाने के लिए ख्यूक्रिन ने क्या-क्या कारण दिए? 'गिरगिट' पाठ के आधार पर लिखिए।

(ग) 'अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुखी होने वाले' पाठ में समुद्र के क्रोध का क्या कारण बताया गया है? उसने अपना क्रोध कैसे शान्त किया? अपने शब्दों में लिखिए।

11. प्रकृति में आये असंतुलन के कारण और उसके परिणामों की चर्चा, 'अब कहाँ दूसरे के दुःख में दुःखी होने वाले' पाठ के आधार पर कीजिए।                    (5)

अथवा

वज़ीर अली को एक जाँबाज़ सिपाही क्यों कहा है? उसके सैनिक जीवन के क्या लक्ष्य थे? 'कारतूस' पाठ के आधार पर विस्तार से लिखिए।

12. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए:     (1×5=5)

राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध ल अपने सर से कफ़न साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो।

(i) 'राह कुर्बानियों की न वीरान हो' - का क्या तात्पर्य है?
(क) सैनिक सोच-समझकर आगे बढ़ें
(ख) सैनिक देश के बारे में सोचते रहें
(ग) बलिदानी सैनिकों की परंपरा बनी रहे
(घ) बलिदानी सैनिकों आगे बढ़ने की सोच में रहें

(ii) सैनिक किसे सजाने के लिए कहते हैं?
(क) देश की कुर्बानियों को
(ख) जश्न मनाने वालों को
(ग) भारतमाता को
(घ) बलिदानी सैनिकों के जत्थों को

(iii) 'फ़तह का जश्न' से तात्पर्य है
(क) आगे बढ़ने की खुशियाँ
(ख) मृत्यु की ख़ुशी
(ग) जीत जाने की ख़ुशी
(घ) जीत की खुशियाँ

(iv) 'सिर पर कफ़न बाँधने' का किस ओर संकेत है?
(क) सिर बचने की ओर
(ख) देश पर बलिदान की ओर
(ग) सिर पर मुकुट बाँधने की ओर
(घ) जीवित रहने की ओर

(v) 'काफिले' शब्द का अर्थ है
(क) कायरों का गिरोह
(ख) वीरों का समुदाय
(ग) बलिदानियों का झुंड
(घ) यात्रियों का समूह

अथवा

सारे शीतल कोमल नूतन,
माँग रहे तुझसे ज्वाला-कण
विश्व-शलभ सिर धुन कहता मैं
हाय! न जल पाया तुझमें मिल,
सिहर-सिहर मेरे दीपक जल!
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल
विहँस-विहँस मेरे दीपक जल!

(i) पतंग को पश्चाताप है कि वह
(क) दिये को प्रकाश न पा सका
(ख) दीपक के एकाकार न हो सका
(ग) दीपक के स्नेह से वंचित रहा
(घ) ज्वाला-कण न बन सका

(ii) स्नेहहीन दीपक किन्हें कहा गया है?
(क) टिमटिमाते तारों को
(ख) चमकते जुगनुओं को
(ग) तेलरहित दीपकों को
(घ) जगमगाते चाँद को

(iii) किस पंक्ति के कथन में विरोध दिखाई पड़ता है?
(क) सारे शीतल कोमल नूतन
(ख) हाय! न जल पाया तुझमें मिल
(ग) स्नेहहीन नित कितने दीपक
(घ) जलमय सागर का उर जलता

(iv) सागर का हृदय क्यों जलता है?
(क) घिरते बादलों को देखकर
(ख) तारों को चमकता देखकर
(ग) बादलों में बिजली की कौंध देखकर
(घ) विहँसते दीपक को देखकर

(v) पद्यांश में बादलों की क्या विशेषता बताई गई है?
(क) असंख्य तारे छिप जाते हैं
(ख) वह अनंत सीमा वाला है
(ग) गर्जन करता है पर बरसता नहीं
(घ) बिजली का प्रकाश लेकर घिरता है

13. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:        (1×5=5)

व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते हैं। लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही कदम उठाते हैं। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं पर क्या वे ऊपर चढ़ते हैं। खुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर ले चलें यही महत्व की बात है। यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है। समाज के पास यदि शाश्वत मूल्यों-जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है। व्यवहारवादी लोगों ने तो समाज को गिराया ही है।

(क) व्यवहारवादी लोगों के सजग रहने के क्या-क्या कारण हैं?
(ख) आदर्शवादी लोगों की समाज को क्या-क्या देन है?
(ग) समाज को पतन की ओर ले जाने वाले कौन लोग हैं? उनका मुख्य उद्देश्य क्या रहता है?

अथवा

उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था। एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुःख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुःख देखकर मेरी माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के लिए उसने पुरे दिन रोज़ा रखा। दिन-भर कुछ खाया-पिया नहीं। सिर्फ रोती रही।

(क) माँ के दुःख का क्या कारण था और उसका दुःख कैसे बढ़ गया?
(ख) माँ के गुनाह और उसके प्रायश्चित पर टिप्पणी कीजिए।
(ग) माँ ने खुदा से क्या दुआ माँगी?

14. निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए:                  (3×3=9)

(क) गोपियों द्वारा श्री कृष्ण की बाँसुरी छिपाए जाने में क्या रहस्य है? 'दोहे' कविता के आधार पर अपने शब्दों में लिखिए।

(ख) 'आत्मत्राण' कविता की पंक्ति 'तव मुख पहचानूँ छीन-छीन में' का भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

(ग) 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' कविता में कवयित्री ने अपने दीपक से मोम की तरह धुलने के लिए क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए कि उस घुलने में उसका कौन-सा भाव छिपा है?

(घ) 'मनुष्यता' कविता के आधार पर किन्हीं तीन मानवीय गुणों के बारे में लिखिए।

15. निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिए:         (3+3=6)

(क) 'सपनों के-से दिन' पाठ के आधार पर पीटी सर की किन्हीं चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

(ख) टोपी ने मुन्नी बाबू के बारे में कौन-सा रहस्य छिपाकर रखा था और क्यों? विस्तार से समझाइए।

(ग) 'सपनों के-से दिन' पाठ में लेखक को स्कूल जाने का उत्साह नहीं होता था, क्यों? फिर भी ऐसी कौन-सी बात थी जिस कारण उसे स्कूल जाना अच्छा लगने लगा? कारण-सहित स्पष्ट कीजिए।

16. आज की शिक्षा-व्यवस्था में विद्यार्थियों को अनुशासित बनाए रखने के लिए क्या तरीके निर्धारित हैं? 'सपनों के-से दिन' पाठ में अपनाई गई विधियाँ आज के सन्दर्भ में कहाँ तक उचित लगती हैं? जीवन-मूल्यों के अलोक में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।            (5)

खंड - घ

17. विद्यालय में आयोजित सामाजिक विज्ञानं-प्रदर्शनी का विवरण देते हुए किसी प्रतिष्ठित दैनिक समाचार-पत्र के संपादक को, इसकी उपयोगिता बताते हुए, प्रकाशनार्थ पत्र लिखिए।        (5)

अथवा

जल-बोर्ड द्वारा दूषित जल की आपूर्ति के कारण जान-सामान्य को हो रही कठिनाइयों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए अध्यक्ष, जल-बोर्ड को एक पत्र लिखिए।

18. दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए:
(5)

(क) संयुक्त परिवार
• संयुक्त परिवार का अर्थ
• संबंधों में पड़ती दरार
• जोड़ने से लाभ

(ख) परोपकार
• आवश्यकता
• लाभ
• जीवन  संभव

(ग) जीव-जंतु और मानव
• सहज संबंध
• उपयोगिता
• सुझाव

इस प्रश्न पत्र का उत्तर (Topper Answer) यहाँ देखें

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